कैंसर रोग विशेषज्ञ डाक्टर अरूण कुमार शर्मा से विशेष बातचीत

जालंधर। लोगों के मनों में आम अवधारणा घर कर चुकी है कि कैंसर रोग ला-ईलाज है। कैंसर रोग से ग्रस्त मरीज़ बच नहीं सकता। इसी भ्रम में लोग ईलाज तक नहीं करवाते। लेकिन ये एक भ्रम ही है। इसी भ्रम में फंसे लोग बीमारी से जूझते रहते हैं। लेकिन ये अवधारणा सिर्फ एक भ्रम है। क्योंकि कैंसर रोग ला-ईलाज नहीं है। अगर समय रहते कैंसर रोग के बारे में पता चल जाए तो विभिन्न थैरेपी के ज़रिए कैंसर रोग को जड़ से खत्म किया जा सकता है। फर्क सिर्फ ये है कि लोग इस बीमारी के लक्षण को लेकर जागरूक नहीं हैं और न ही वे जागरूक होना चाहते हैं।
कैंसर रोग ला-ईलाज है। लोगो के मनों में घर कर चुकी इस भ्रम को खत्म करने के लिए जालंधर के श्रीमन अस्पताल में स्थापित किए गए कैंसर सर्जरी डिपार्टमैंट के हैड डाक्टर अरूण कुमार शर्मा से बात की गई। लुधियाना के ई.एस.आई., दिल्ली के धर्मशीला कैंसर अस्पताल में सेवाएं दे चुके पंजाब के टांडा के रहने वाले डाक्टर अरूण कुमार शर्मा ने कहा कि कैंसर रोग बिल्कुल भी ला-ईलाज नही है। डाक्टर शर्मा के मुताबिक कैंसर मरीज़ों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अगर इसी रफ्तार से कैंसर रोग फैलता रहा तो साल 2030 तक कैंसर रोग में भारत दुनिया की कैपिटल होगी और पंजाब भारत की। पंजाब में कैंसर रोग बहुत तेजी से फैल रहा है।

पंजाब में कैंसर रोग फैलने के ये है कारण

डाक्टर अरूण शर्मा ने बताया कि पंजाब में कैंसर रोग फैलने के के प्रमुख कारण पर्यावरण, प्रदूषण, पैस्टीसाईडस, शराब और तंबाकू है। पंजाब में शराब और तम्बाकू का सेवन बढ़ रहा है। यहां पर प्रवासी लोग ज्यादा आ रहे हैं, जो कि तम्बाकू का सेवन करते हैं। पुरूषों में ज्यादातर मुंह और गले के कैंसर होते हैं। जिसका कारण स्मोकिंग और एल्कोहल है। इसके अतिरिक्त पंजाबी लोग भी वैस्टर्न कल्चर अपना रहे हैं। इस बीमारी से बचने के लिए हमें हैल्दी डाइट लेनी होगी।

महिलाओं को होता है ब्रेस्ट और बच्चेदानी का कैंसर

डाक्टर अरूण शर्मा ने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और बच्चे दानी के कैंसर के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। डाक्टर शर्मा ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण ये होता है कि ब्रेस्ट में गांठे पड़ जाती हैं। जबकि बच्चेदानी का कैंसर वॉयरल इंफैक्शन होते हैं। इसमें माहवारी के अलावा भी ब्लीडिंग होना प्रमुख है। ऐसे लक्षण के बारे में अवेयरनैस न होने या फिर शर्म के कारण महिलाएं डाक्टर तक नहीं जाती। जब समस्या ज्यादा बढ़ती है तो डाक्टर के पास जाती हैं, लेकिन तब तक समय निकल जाता है। डाक्टर अरूण शर्मा ने बताया कि 40 साल की आयु के बाद महिलाओं को रूटीन चैकअप करवाना चाहिए।

बच्चेदानी के कैंसर से बचने के लिए है वैक्सीन

डाक्टर अरूण शर्मा ने बताया कि महिलाओं को बच्चेदानी के कैंसर से बचने के लिए वैक्सीन है। ये वेक्सीन महिलाओ को 9 से 20 साल की आयु तक लगाई जाती है। इस वैक्सीनेशन से महिलाएं इस बीमारी से बच सकती हैं। एक सवाल के जवाब में डाक्टर शर्मा ने बताया कि महिलाएं इस वैक्सीन के प्रति भी जागरूक नहीं है।

कैंसर की होती हैं 4 स्टेज, थर्ड स्टेज में लोग भागते हैं डाक्टर के पास

डाक्टर अरूण शर्मा ने बताया कि एक स्टडी के मुताबिक कैंसर रोग और लक्षण संबंधी जागरूक न होने और लापरवाह रवैये के कारण लोग थर्ड स्टेज तक पहुंच जाते हैं। थर्ड स्टेज में भी इस रोग का ईलाज संभव है, लेकिन चौथी स्टेज में कई बार मल्टीपल प्रॉब्लम होने के कारण ईलाज मुश्किल हो जाता है।

भ्रम में न फंसे लोग, कैंसर का ईलाज सिर्फ सर्जरी नहीं

डाक्टर अमित शर्मा ने कहा कि लोग में भ्रम है कि कैंसर रोग ला-ईलाज है, इसे छेड़ा नहीं जाना चाहिए। बॉयोप्सी नहीं करवाई जानी चाहिए। अगर कैंसर रोग को छेड़ा जाए तो ये तुरंत शरीर में फैल जाता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। एक सवाल के जवाब में डाक्टर शर्मा ने बताया कि कैंसर रोग का ईलाज सिर्फ सर्जरी नहीं है, और भी कई तरीके हैं। अगर समय रहते कैंसर रोग डिटैक्ट हो जाए तो पहली स्टेज में इसे दवाओं से भी ठीक किया जा सकता है। इसके पश्चात कैंसर की स्टेज के मुताबिक मैडीसन, कीमोथैरेपी, इम्यूनोथैरेपी, रेडियोथैरेपी से ईलाज होता है।