Prabhat Times

प्रीत सूजी

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अफसरों को हिदायत दी है कि अगर कोई भी मंत्री या विधायक उनके नाम पर गलत काम करवाता है, तो बिना संकोच सीधे मेरे पास आएं और इस संबंधी मुझे जानकारी दें। सीएम ने कहा मुझे काम में पूरी तरह से पारदर्शिता चाहिए और किसी का कोई गलत काम नहीं होगा। सीएम ने साफ कह दिया है कि जितने वह सॉफ़्ट हैं, उतने ही काम के प्रति सजग भी हैं। किसी की भी काम के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही सी.एम. ने डीजीपी को लिखित आदेश दिए हैं कि उनके साथ साथ मंत्रियों की भी सुरक्षा में कटौती की जाए।
सीएम ने सोमवार को मंत्रिमंडल के साथ अपनी पहली कैबिनेट बैठक के बाद प्रिंसिपल सचिव के साथ-साथ सभी सचिवों के साथ भी बैठक की। जिसमें यह अहम दिशा-निर्देश दिए गए। उनका कहना है कि यह कदाचित बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि अफसर अपना काम न करें और इसका दोष एक दूसरे पर लगाते रहें। इसके अलावा तबादलों में भ्रष्टाचार बर्दाशत नहीं किया जाएगा। मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने आश्वासन दिलाया है कि सभी अधिकारी मुख्यमंत्री की बात समझ गए हैं और वह अपना काम ईमानदारी से करेंगे।

100 दिन का रोडमैप बनाने के आदेश

पहली ही बैठक में मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा है कि वह अपने विभाग का 100 दिन का रोडमैप बनाकर देंगे कि वह इस समयावधि में क्या करने वाले हैं और यह काम कैसे होने हैं। इसकी मॉनिटरिंग मुख्य सचिव की ओर से की जाएगी। वह इसकी समीक्षा भी किया करेंगे और लगातार इस पर निगाह बनाकर रखेंगे और इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी बनाई जाएगी। सरकार के पास 6 महीने का ही समय है और इस दौरान सरकार ने अपने सभी वादे पूरे करके देने हैं।

विधायकों और मंत्रियों को बनता मान सम्मान जरूरी

मुख्यमंत्री ने बैठक में साफ कर दिया है कि वह मंत्रियों और विधायकों के साथ-साथ आम लोगों द्वारा चुने गए सभी नुमाइंदों को बनता मान सम्मान देंगे और उनकी सुनवाई पहल के आधार पर की जाएगी। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि कोई पब्लिक का नुमाइंदा आपके पास आता है और अपनी उसकी सुनवाई नहीं करेंगे। इस तरह की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होगी। कैप्टन सरकार में सबसे बड़ी शिकायत ही यह थी कि अफसरशाही चुने हुए नुमाइंदों की सुनवाई नहीं करती है। इसलिए नए मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह के आदेश दिए गए हैं।

डीजीपी को दिए सुरक्षा घटना के निर्देश

पंजाब के सी.एम. चरणजीत चन्नी ने कुछ दिन पहले कपूरथला में अपना सुरक्षा घेरा घटाने के लिए कहा था। लेकिन इस पर अमल न होता देख अब सी.एम. चन्नी ने डी.जी.पी. पंजाब को लिखित आदेश दिए हैं कि उनकी सुरक्षा में कटौती की जाए। सी.एम. द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट लिखा है कि उनकी सुरक्षा तुरंत कम की जाए। इसके साथ ही सी.एम. द्वारा कैबिनेट मंत्रियों की भी सुरक्षा घेरा कम करने के लिए आदेश दिए हैं।

जनप्रतिनिधियों को जारी होंगे आई.कार्ड

सरपंचों, काऊंसलरों आदि निर्वाचित प्रतिनिधियों को भी बड़ी राहत दी गई है। सी.एम. चन्नी द्वारा सभी डी.सी., एस.डी.एम. को निर्देश दिए है कि वे सरपंच, पार्षद, जनप्रतिनिधियों के आई.कार्ड जारी करें। इस कार्ड के ज़रिए जन प्रतिनिधि कभी भी चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय समेत राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में निर्विघन जा सकेंगे।

किसानों के पीड़ित परिवारों को घर घर जाकर देंगे नियुक्त पत्र

पंजाब के मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने तीन कृषि कानूनों के खि़लाफ़ विरोध के तौर पर संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा दिए गए भारत बंद के बुलावे के मद्देनजऱ आज नव-गठित मंत्री-परिषद की आपात बैठक बुलाई। इस दौरान मंत्री मंडल ने एक प्रस्ताव पास करके किसानों और उनकी माँगों के प्रति एकजुटता प्रकट की।
सी.एम. ने सभी मंत्रियों को मृतक किसानों के घरों में निजी तौर पर जाकर उनके पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र देने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि तकरीबन 155 ऐसे नियुक्ति पत्र तैयार हैं और इनको एक हफ़्ते के अंदर-अंदर सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने मुख्य सचिव को बाकी ऐसे मामलों की पड़ताल भी जल्द किए जाने को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा, जिससे योग्य वारिसों को सरकारी नौकरियाँ देने की प्रक्रिया मुकम्मल की जा सके।

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