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नई दिल्ली। (45th GST Council Meeting Decision) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक के नतीजे आ गए हैं. बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की उम्मीद थी. हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य इस विचार से सहमत हैं. मतलब ये कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती का इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक झटका है.
हालांकि, तेल विपणन कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए आपूर्ति की जाने वाली बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. विशेष विकलांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी दरों को भी घटाकर 5% कर दिया गया है. आपको बता दें कि देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद काउंसिल की पहली फिजिकल बैठक थी. कोरोना काल में अब तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में फैसले (Decision) लिए गए.

कोरोना दवाओं पर छूट बरकरार

मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना से जुड़ी दवाओं पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक के लिए है। वहीं, जीवन-रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी छूट का फैसला (Decision) लिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो दवाओं पर जीएसटी छूट दी गई है। ये दोनों बेहद जरूरी दवाएं हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए जीएसटी काउंसिल ने इन 2 दवाओं के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला (Decision) किया है। वहीं, मेडिकल इक्विपमेंट्स पर जीएसटी छूट नहीं दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि एम्फोटेरिसिन-बी और टोसीलिज़ुमैब पर जीएसटी नहीं लगेगा. रेमडेसिविर और हेपरिन पर 5% जीएसटी लगेगा.

स्विगी जोमैटो के लिए बदला तरीका

वित्त मंत्री ने कहा कि फूड डिलिवरी ऐप से खाना मंगाने पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की कोई बात नहीं हुई और योजना के अनुसार ये ऐप वही टैक्स वसूलेंगे जो रेस्टोरेंट कारोबार पर लगता है. उन्होंने कहा- स्विगी-ज़ोमैटो जैसे खाना पहुंचाने वाली सेवाओं के लिए अब ऑर्डर्स के हिसाब से कर वसूली होगी. पुराने टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बस तरीका बदलकर टैक्स लिया जाएगा. अब रेस्टोरेंट्स से टैक्स लेने की जगह जो सेवा प्रदाता है, वो टैक्स देने का काम करेगा.
दिल्ली के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री मनीष सिसौदिया ने बैठक में हुए फैसले (Decision) की जानकारी देते हुए कहा कि राज्यों को जून 2022 के बाद भी मुआवजा देने पर आज फैसला नहीं हो पाया, लेकिन इसके लिए एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स द्वारा विचार किया जाएगा. यह समिति दो महीने के भीतर अपनी सिफारिश देगी.

अगस्त में कितना रहा कलेक्शन

बीते अगस्त महीने में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. ये लगातार दूसरा महीना था जब जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार किया. हालांकि, अगस्त में जुटाई गई राशि, जुलाई 2021 के 1.16 लाख करोड़ रुपये से कम रही है. अगर एक साल पहले के अगस्त माह से तुलना करें तो इस बार कलेक्शन में 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है.

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