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नई दिल्ली। (700 indian students facing deportation in canada pm justin trudeau says justice will be done) कनाडा सरकार के डिपोर्ट के फैसले के खिलाफ पिछले दो दिन से न्याय के लिए धरने पर बैठे 700 के करीब छात्रों को उम्मीद की किरण जागी है.

कनाडा से करीब 700 भारतीय स्टूडेंट को भारत डिपोर्ट करने के मामले में अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सामने आए हैं।

उन्होंने कहा कि वह भारतीय स्टूडेंट के साथ हुई ठगी से वाकिफ हैं। इस कारण सभी स्टूडेंट को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा सरकार का मकसद पीड़ितों को सजा दिलाना नहीं है। कहा कि सभी स्टूडेंट अपना पक्ष रख सकेंगे और उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।

ट्रूडो ने बुधवार को संसद में बहस के दौरान कहा, हम अंतरराष्ट्रीय छात्रों के ऐसे मामलों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जिन्हें फर्जी कॉलेज स्वीकृति पत्रों को लेकर निष्कासन आदेशों का सामना करना पड़ रहा है.

हमारा ध्यान छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने वाले दोषियों की पहचान करने पर है. पीड़ित छात्रों की स्थिति पर सिख मूल के एनडीपी नेता जगमीत सिंह की चिंताओं का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘धोखाधड़ी के शिकार लोगों को अपनी स्थिति का प्रदर्शन करने और अपने मामले का समर्थन करने के लिए सबूत पेश करने का अवसर मिलेगा.’

ट्रूडो ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा हमारे देश दिए गए अपार योगदान को समझते हैं, और हम पीड़ितों के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

सिंह की पार्टी एनडीपी इन छात्रों के निष्कासन आदेशों को रद्द करने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है, साथ ही उनके लिए स्थायी निवास का मार्ग भी सुगम बना रही है.

सिंह ने पीड़ितों का मामला पेश करते हुए ट्रूडो से पूछा, ‘तो मेरा सवाल है कि क्या प्रधानमंत्री प्रभावित होने वाले इन सभी छात्रों के निर्वासन पर रोक लगाएंगे और इन छात्रों के लिए स्थायी निवास का मार्ग प्रशस्त करेंगे?’

कैनेडियन बॉर्डर सर्विस एजेंसी (सीबीएसए) के अनुसार, 700 से अधिक भारतीय छात्रों को निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि शैक्षणिक संस्थान में उनके प्रवेश प्रस्ताव पत्र नकली हैं.

इनमें से ज्यादातर छात्र 2018 और 2019 में पढ़ने के लिए कनाडा आए थे. धोखाधड़ी का पता तब चला जब छात्रों ने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया.

इस बीच, छात्र 29 मई से मिसिसॉगा के एयरपोर्ट रोड पर, सीबीएसए के मुख्य कार्यालय के बाहर, ‘निर्वासन के खिलाफ एकजुट हों’, ‘निर्वासन बंद करो’ और ‘हम न्याय चाहते हैं’ बैनर लिए धरना जारी रखे हुए हैं.

एक्शन मोड पर पंजाब सरकार

इससे पहले अधिकांश स्टूडेंट पंजाब से होने के कारण पंजाब सरकार भी एक्शन मोड में आई।

स्टूडेंट्स की पैरवी के लिए पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज एडवोकेट जनरल (AG) विनोद घई से मीटिंग की।

मंत्री धालीवाल ने कहा कि उन्होंने 7 जून की रात स्टूडेंट्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस पर बातचीत की है। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी।

CM मान ने हर संभव मदद के निर्देश दिए

एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल ने AG विनोद घई से स्टूडेंट्स की मदद के लिए कानूनी पक्ष के बारे में बातचीत की।

मंत्री धालीवाल ने बताया कि उन्होंने AG से इमिग्रेशन केस संबंधी वकील तलाश कर स्टूडेंट्स के मामले की पैरवी के निर्देश दिए हैं।

वह स्वयं भी दिल्ली में कैनेडियन एंबेसडर और इमिग्रेशन मंत्री को लेटर लिखेंगे। साथ ही कनाडा में बैठे भारतीय एंबेसडर को भी पत्र लिखा जाएगा।

मंत्री ने कहा कि चौथा लेटर उस कॉलेज को लिखा जाएगा, जहां से भारतीय स्टूडेंट्स ने एजुकेशन ली है, ताकि उनकी मदद की जाए।

मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि जांच में पता लगा है कि भारतीय स्टूडेंट्स ने किसी प्रकार की सोची-समझी जालसाजी नहीं की है।

उनसे ट्रैवल एजेंट द्वारा धोखाधड़ी की गई है। पंजाब सरकार आरोपी ट्रैवल एजेंट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी।

स्टडी वीजा पर गए स्टूडेंट्स के जाली दस्तावेज

दरअसल, यह सभी भारतीय स्टूडेंट ट्रैवल एजेंट की धोखाधड़ी का शिकार हुए। क्योंकि जो भारतीय स्टूडेंट स्टडी वीजा पर कनाडा गए, जांच में उनके दस्तावेज जाली पाए गए।

स्टूडेंट्स को भारत डिपोर्ट करने के मामले में उन्होंने कनाडा के शहर मिसिसागा में प्रदर्शन शुरू किया हुआ है।

स्टूडेंट्स के अनुसार इसमें उनका कोई कसूर नहीं, क्योंकि उनसे ट्रैवल एजेंट ने धोखाधड़ी की है।

कनाडा सीमा सुरक्षा एजेंसी द्वारा पत्र जारी

गौरतलब है कि बीते मार्च महीने में कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी द्वारा 700 भारतीय स्टूडेंट्स को डिपोर्ट किए जाने के बारे में पत्र जारी किया गया था।

स्टूडेंट्स से धोखाधड़ी करने वाले ट्रैवल एजेंट की पहचान ब्रजेश मिश्रा के रूप में बताई गई है।

जालंधर जिला प्रशासन द्वारा ब्रजेश मिश्रा को बुलाया गया, लेकिन वह पेश नहीं हुआ। इसके बाद उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

एजेंट ने स्टूडेंट्स से छिपाया सच

प्राप्त जानकारी के अनुसार एजेंट द्वारा स्टूडेंट्स को फोन कर कॉलेज की सीटें फुल होने की बात कहते हुए उनका दाखिला अन्य कॉलेज में करवाने के बारे में कहा था।

एजेंट द्वारा कुछ स्टूडेंट्स के पैसे लौटाए भी गए, लेकिन स्टूडेंट्स का दाखिला जिस कॉलेज में कराया गया, वह अंतरराष्ट्रीय स्टडीज के नियम पूरे नहीं करता था।

इस कारण स्टूडेंट्स का कनाडा में स्टडी कर सेटल होने के सपने को धक्का लगा। साथ ही लाखों रुपए भी डूब गए। बताया गया कि एजेंट द्वारा एक स्टूडेंट को कनाडा में स्टडी बेस पर भेजने के लिए 16 से 20 लाख रुपए लिए गए हैं।

आरोपी के खिलाफ लुकआउट नोटिस होगा जारी

जालंधर पुलिस ने कहा कि जब भी किसी स्टूडेंट के परिवार द्वारा ब्रजेश मिश्रा के खिलाफ शिकायत मिलेगी तो बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आरोपी एजेंट विदेश फरार न हो जाए, इस कारण उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया जाएगा।

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