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अमृतसर। (amritpal singh new photo taken on national highway) पंजाब पुलिस के भगोड़े अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस अब नेपाल तक पहुंच चुकी है। पंजाब पुलिस का साथ यहां दिल्ली पुलिस और सेंट्रल इंटेलिजेंस विंग भी दे रहा है।

इस बीच अमृतपाल सिंह और उसके साथी पपलप्रीत की सेल्फी सामने आई है। फरारी के बाद पहली बार अमृतपाल का पूरा चेहरा साफ नजर आया है। जिसमें वह मैरून पगड़ी बांधे हुए और छोटी दाढ़ी में नजर आ रहा है।

इसके साथ हाथ में एनर्जी ड्रिंक पकड़ी है। अमृतपाल और पपलप्रीत ने गर्म कपड़े पहने हैं। ऐसा लग रहा कि दोनों कहीं हाईवे पर बैठे हैं।

वहीं पुलिस ने अमृतपाल के सबसे करीबी गनमैन वरिंदर जौहल को गिरफ्तार किया है। उस पर NSA (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) लगाया है।

इसके बाद उसे भी असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है। उस समेत अब तक 8 आरोपी डिब्रूगढ़ जेल भेजे जा चुके हैं।

वहीं अमृतपाल सिंह के दूसरे गनमैन गोरखा बाबा से पूछताछ जारी है। पंजाब पुलिस के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने भी उससे पूछताछ की। उसके फोन से पुलिस को खालिस्तान बनाने से जुड़े अहम डॉक्यूमेंट्स बरामद हुए थे।

नेपाल के रास्ते भागने की फिराक में अमृतपाल

भारत ने नेपाल सरकार से अनुरोध किया है कि वह खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश में भागने की अनुमति नहीं दे और अगर वह भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर भागने की कोशिश करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।

देश के एक प्रमुख अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि शनिवार को दूतावास सेवा विभाग को भेजे एक पत्र में काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने सरकारी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि अगर अमृतपाल सिंह नेपाल से भागने की कोशिश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जाए। अखबार ने पत्र की प्रति का हवाला देते हुए कहा कि अमृतपाल सिंह फिलहाल नेपाल में छिपा हुआ है।

इसमें कहा गया है, मंत्रालय से अनुरोध है कि वह आव्रजन विभाग को सूचित करे कि अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश के लिए नेपाल के रास्ते यात्रा करने की अनुमति न दी जाए और अगर वह भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके नेपाल से भागने का प्रयास करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए।

अमृतपाल का थाईलैंड कनेक्शन

इसके साथ ही अमृतपाल सिंह के थाईलैंड कनेक्शन पर भी जांच शुरू की गई है। दरअसल, दुबई में रहते हुए अमृतपाल सिंह कई बार थाईलैंड के चक्कर लगा चुका है।

पुलिस का अनुमान है कि अमृतपाल नेपाल या पाकिस्तान के रास्ते थाईलैंड ही भागना चाहता है। पुलिस को थाईलैंड कनेक्शन के पीछे दो बड़े कारण दिख रहे हैं।

पहला, अमृतपाल के फाइनेंसर दलजीत कलसी के भी थाईलैंड में कनेक्शन सामने आए हैं। दलजीत कलसी बीते 13 सालों में 18 बार थाईलैंड होकर आया था।

दूसरा, अमृतपाल भी कई बार थाईलैंड आ-जा चुका है। यह भी बात सामने आई है कि अमृतपाल की कोई महिला दोस्त भी थाईलैंड में है। दलजीत और अमृतपाल के कनेक्शन आसानी से उन्हें वहां छिपा व सेटल कर सकते हैं।

सिद्धू की पॉपुलैरिटी की आड़ में बीजा खालिस्तान का बीज

पुलिस जांच में अमृतपाल सिंह का एक और कारनामा सामने आया है। अमृतपाल सिंह खुद को वारिस पंजाब दे का मुखी कहलवा कर समाजसेवा नहीं करना चाहता था।

वह सिर्फ वारिस पंजाब दे संस्था को शुरू करने वाले पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की पॉपुलैरिटी को भुनाना चाहता था और उसकी आड़ में खालिस्तान का बीज पंजाब में बोना चाहता था।

दीप सिद्धू के भाई एडवोकेट मनदीप सिद्धू ने कभी वारिस पंजाब दे संस्था के डॉक्यूमेंट अमृतपाल सिंह को सौंपे ही नहीं, लेकिन उसे दीप सिद्धू के नाम का फायदा उठाना था।

इसलिए अमृतपाल सिंह ने अपने एक साथी के साथ मिल कर “वारिस पंज-आब दे” नाम की संस्था का गठन कर दिया।

समाज सेवा के लिए बनाया था यह संगठन

दीप सिद्धू के भाई मनदीप ने 4 जुलाई, 2022 को फतेहगढ़ साहिब में ‘सर्व शिक्षा अभियान’ को बढ़ावा देने, प्रदूषण से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने, नशा करने वाले युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करने और लोगों की मदद करने के लिए एक संगठन बनाया था।

यह पदाधिकारियों की भूमिकाओं और चुनाव सहित सख्त नियमों के साथ स्थापित किया गया था। मनदीप ने कहा कि यह संगठन उनके दिवंगत भाई के पंजाब के लोगों की सेवा करने के सपने को पूरा करने के लिए बनाया गया था।

परिवार ने अमृतपाल को कागज देने से किया था मना

अगस्त 2022 में जब अमृतपाल विदेश से लौटा तो ‘वारिस पंजाब दे’ के कागजों की मांग मनदीप सिद्धू से की, लेकिन परिवार ने संस्था के कागज देने से मना कर दिया।

सिद्धू परिवार ने अमृतपाल को दीप की विचारधारा के उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि अभिनेता ने फरवरी 2022 में अपनी दुखद सड़क दुर्घटना से पहले अपना नंबर ब्लॉक कर दिया था।

खालिस्तानी समर्थकों की तरफ से अमेरिका में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर अब अमृतपाल सिंह और जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर को दिखाया गया।

संस्था के नाम पर धोखाधड़ी

अचानक से ‘वारिस पंज-आब दे’ नामक एक नया संगठन सामने आया। जिसके साथ दीप सिद्धू का आधिकारिक फेसबुक पेज जुड़ा हुआ था।

यह मोगा जिले में पंजीकृत था, इसकी स्थापना तिथि 15 दिसंबर, 2021 बताई गई थी।

फेसबुक पेज के फॉलोअर्स की संख्या बहुत अधिक हो गई, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।

जिसके बाद लोगों ने मान लिया कि दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन को अमृतपाल ने अपने कब्जे में ले लिया है।

अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई के दौरान सामने आए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि ‘वारिस पंज-आब दे’ की स्थापना संभावित रूप से पिछले दिनों की थी।

मोगा जिले के दुनेके गांव में अमृतपाल के करीबी सहयोगी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला ने संस्था को रजिस्टर करवाया और पता “गुरु नानक फर्नीचर स्टोर” बताया था।

एक बैग लेकर कुरुक्षेत्र से निकला अमृतपाल

अमृतपाल सिंह को कुरुक्षेत्र में पनाह देने वाली बलजीत कौर ने पुलिस को अहम जानकारियां दी हैं। उसके फोन से मिले डाटा के आधार पर पुलिस लगातार अमृतपाल सिंह के करीबियों को पकड़ रही है।

वहीं, बलजीत कौर ने पुलिस को बताया कि अमृतपाल जब उसके घर रुका था तो अपने साथ दो बैग लेकर आया था।

जबकि एक बैग वे घर ही छोड़ गया और सिर्फ एक ही बैग लेकर आगे रवाना हुआ। इसके अलावा अपनी श्री साहिब को भी वह उतार बलजीत कौर के घर ही छोड़ गया था।

अमृतपाल के समर्थन में पोस्टर लगाने वाले नाबालिग हिरासत में

उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में अमृतपाल सिंह के समर्थन में नारे लिखे पोस्टर चिपका दिए गए। पुलिस ने जांच के बाद 12 को हिरासत में लिया।

जांच में सामने आया कि पकड़े गए 12 आरोपियों में से 10 नाबालिग थे। जिसके बाद दो को पकड़ कार्रवाई की गई, जबकि 10 को समझा कर घर भेज दिया गया। यह सभी आरोपी अमृतपाल सिंह के पोस्टर चिपका कर अमृतपाल को रिहा करने की मांग कर रहे थे।

बुक्कनवाला पर भी लगा NSA

पुलिस ने बुक्कनवाला को पहले ही हिरासत में ले रखा है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोप लगे हुए हैं और वह इस समय असम में डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है।

पूछताछ के दौरान, गुरमीत बुक्कनवाला ने दावा किया कि संगठन बहुत बाद में स्थापित किया गया था। मोगा जिले से इसे पंजीकृत करने के लिए कुछ संपर्कों का इस्तेमाल किया गया था।

लखीमपुर खीरी में आखिरी लोकेशन

अमृपताल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए 5 राज्यों में सर्च अभियान अभी भी चल रहा है। वहीं पंजाब और दिल्ली पुलिस की एक टीम नेपाल भी पहुंची है।

केंद्रीय इंटेलिजेंस विंग नेपाल पहुंची टीमों को इनपुट्स भेज रहा है, जिसके आधार पर नेपाल में सर्च चल रही है।

इसके साथ ही अमृतपाल सिंह की आखिरी लोकेशन लखीमपुर खीरी में मिली है। लखीमपुर खीरी से नेपाल बॉर्डर की दूरी अधिक नहीं है।

 

 

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