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जालंधर। पंजाब पुलिस (Punjab Police) को आज बड़ी सफलता मिली है। जालंधर देहात पुलिस द्वारा ड्रग के साथ पकड़े गए तस्कर से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने दो आर्मी अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग आर्मी और भारत की सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां, तस्वीरें इन तस्करों के ज़रिए पाकिस्तान की बदनाम गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. को भेजते थे। जालंधर देहात पुलिस ने उक्त आर्मी अधिकारियों तथा इस गैंग से जुड़े दो और तस्करो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि जालंधर देहात पुलिस द्वारा आर्मी के दोनो अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच के दौरान भारी मात्रा में सीक्रेट दस्तावेज व तस्वीरें बरामद की हैं। ये भी खुलासा हुआ है कि कई अहम जानकारियां इन लोगों के ज़रिए सीमा पार भी जा चुकी हैं।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि जालंधर देहात के एस.एस.पी. नवीन सिंगला के नेतृत्व में पुलिस टीम ने 24 मई को तस्कर रणवीर सिंह को 70 ग्राम हैरोईन के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी तस्कर के पास से पुलिस ने भारतीय सीमा, आर्मी से जुड़ी कई तस्वीरें व दस्तावेज बरामद किए। एस.एस.पी. नवीन सिंगला द्वारा मामले को गहराई से जांच करने के पश्चात खुलासा हुआ कि तस्कर रणवीर सिंह के गांव के रहने वाली हरप्रीत सिंह वासी चीचां, अमृतसर के साथ खासे संबंध हैं। हरप्रीत सिंह ने साल 2017 में आर्मी ज्वाईन की और वे अनन्तनाग में पोस्टिड है।
रणवीर ने उसे लालच देकर भारतीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां उन तक पहुचाने के लिए साथ मिलाया। इसके पश्चात रणवीर का हरप्रीत के ज़रिए ही कारगिल में 121 इनफैंट्री ब्रिगेड, हैड क्वार्टर में तैनात क्लर्क गुरभेज सिंह वासी पुणिया, तरनतारन के साथ संपर्क हुआ।
इन आर्मी अधिकारियों द्वारा आर्मी के अहम दस्तावेज और तस्वीरें जुटा कर रणवीर और रणवीर द्वारा अमृतसर के ढौके गांव के तस्कर गोपी के ज़रिए पाकिस्तान पहुंचाई जा रही थी।
डी.जी.पी. ने बताया कि तस्कर गोपी के सीमा पार बैठे पाक की गुप्चर एजेंसी आई.एस.आई. अधिकारियों व तस्करों से संबंध हैं। जहां तक वे दस्तावेज पहुंचाते थे। गोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि दोनो आर्मी अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एस.एस.पी. नवीन सिंगला द्वारा आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। एक सवाल के जवाब में बताया गया है कि अभी तक लगभग 900 के करीब तस्वीरें और दस्तावेज पिछले मात्र 4 महीेन में सीमा पार भेजे गए हैं। जानकारी जुटाई जा रही है कि ये लोग किन माध्यम से सीमा पार बैठे देश विरोधी ताकतों के संपर्क में आए और कैसे काम कर रहे थे।

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