Prabhat Times
जालंधर। मरीज़ों को सुविधा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू गई योजना आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) का लाभ गरीब व जरूरतमंद जनता को नहीं मिल रहा है।
सरकार की इस राहत योजना को लेकर दिन ब दिन अस्पतालों की धांधलियां सामने आ रही हैं। आज जालंधर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
जालंधर के न्यू रत्न नगर ईलाके के एक मरीज़ से आप्रेशन के नकद पैसे भी ले लिए और उसके आयुष्मान योजना से भी पेमैंट निकल गई और जब मरीज़ ने इस संबंधी शिकायत की तो अब अस्पताल के डाक्टर द्वारा उल्टा मरीज़ के खिलाफ ही पुलिस में शिकायत दे दी।
आयुष्मान योजना में धांधली के ये आरोप लगे हैं जालंधर के फुटबाल चौक में स्थित गंगा आर्थोकेयर अस्पताल के डाक्टर पर।
जालंधर के न्यू रत्न नगर निवासी मरीज़ रवि कुमार ने बताया कि सितंबर महीने में उसका एक्सीडैंट हो गया था। उसके जांघ में फ्रैक्चर बताया गया।
6 सितंबर की रात को वे गंगा आर्थोकेयर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में उन्हें पैसे जमा करवाे के लिए कहा गया।
मरीज़ ने बताया कि उन्होने अस्पताल प्रबंधन को बताया कि उनके पास आयुष्मान योजना का कार्ड है।
लेकिन डाक्टर ने उसे कहा कि वे फिलहाल कैश जमा करवा दे, सुबह कार्ड चैक करवाया जाएगा। और उसकी पेमैंट वापस कर दी जाएगी।
मरीज़ रवि कुमार ने बताया कि अगले दिन उन्होने आयुष्मान योजना का कार्ड अस्पताल में दिया।
लेकिन उन्हें कुछ दिन बाद बताया गया कि उनका कार्ड नहीं चल रहा। मरीज़ रवि ने बताया कि अस्पताल द्वारा उनसे 20 हज़ार रूपए नकद भी ले लिए।
रवि ने बताया कि बाद में जब उसके परिजनों ने आयुष्मान योजना 104 हैल्प लाईन पर फोन किया तो पता चला कि उनका कार्ड चल रहा है और उनके कार्ड से 45 हज़ार रूपए निकले हैं।
रवि ने बताया कि इसी बीच उसे ईलाज में दिक्कत आने लगी। उन्होने अपने जानकार डाक्टर ललित से संपर्क किया। मैडीकल जांच में पता चला कि आप्रेशन भी ठीक नहीं हुआ है।
मरीज़ ने बताया कि उन्होने अस्पताल प्रबंधन से मिलकर ईलाज सही न होने संबंधी बात की और नकद लिए गए रूपए वापस तो उल्टा उन्हें धमकाया गया। बाद में उन्होने किसी और अस्पताल में 80 हज़ार रूपए खर्च कर दोबारा आप्रेशन करवाया।

मरीज़ एक डिस्चार्ज स्लिप 2!

इस संबंधी डाक्टर ललित ने बताया कि गंगा आर्थोकेयर के डाक्टरों द्वारा आयुष्मान स्कीम से भी रूपए ले लिए और फिर मरीज़ से भी नकद लिए।
अस्पताल प्रबंधन की एक और धांधली के बारे में डाक्टर ललित ने बताया कि अस्पताल द्वारा एक ही मरीज़ की दो डिस्चार्ज स्लिप तैयार की गई हैं।
एक स्लिप में एक फ्रैक्चर तथा दूसरी में दो फ्रैक्चर हैं। अब मरीज़ को पुलिस के ज़रिए प्रैशर डालकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
उधर, इस संबंधी गंगा आर्थोकेयर प्रबंधन से संपर्क कर पक्ष जानने की कोशिश की गई। लेकिन फिलहाल पक्ष नहीं बताया गया है।
अगर अस्पताल प्रबंधन अपना पक्ष रखना चाहे तो वो अपना पक्ष 98140-66340 पर दे सकता है।
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