कपूरथला (ब्यूरो): कपूरथला देश में कोरोना के कहर के चलते जारी लॉक डाउन के दौरान कुछ निजी स्कूल पुस्तक विक्रेता से साँठगाँठ कर बच्चों पर पुस्तकें खरीदने के लिए दवाब अभी भी बना रहे हैं। जबकि शिक्षा मंत्री ने ऐसा ना करने के स्पष्ट आदेश भी दिए है। इस बात की चर्चा करते हुए प्रदेश बजरंग दल के प्रवक्ता नरेश पंडित ने कहा कि कपूरथला के एक पुस्तक विक्रेता द्वारा बाकायदा बच्चों को मैसेज भेजकर पुस्तकों की होम डिलीवरी करने के लिए सन्देश भेजे जा रहे है। इसकी वजह से अभिभावक परेशान हो रहे है। ऐसा प्रदेश के कई शहरों में हो रहा है।उन्होंने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि पुस्तक विक्रेता और निजी स्कूलों की साँठगाँठ पर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने भी चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा की निजी स्कूल बिना लगाम के घोड़े बन गए है। क्षेत्र में शिक्षा के नाम चल रहे अधिकतर निजी स्कूल दुकानें बनकर रह गए हैं। निजी स्कूल संचालक पढ़ाई के बजाय सामान बिक्री पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। शिक्षा विभाग की चुप्पी के चलते स्कूलों में दुकानदारी का खेल खुलेआम चल रहा है। नरेश पंडित ने कहा की शिक्षा को पूर्णत: स्वार्थयुक्त व्यवसाय बनाने वाले निजी स्कूलों द्वारा हर साल करोड़ों रुपये की कमीशनखोरी का खेल खेला जाता है।किताबों के नाम पर शहर के निजी स्कूलों ने इस साल भी कोरोना संकट के बावजूद लूट मचानी शुरू की हुईं है। किताबें इतनी महंगी हैं कि खरीदने में अभिभावकों के पसीने छूट रहे हैं। नरेश पंडित ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि इस गोरखधंधे के खिलाफ हर जिले में एक टीम बनाकर निजी स्कूलों पर नजर रखी जाए और निजी स्कूलों की आड़ में गोरख धंधा चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई भी की जाए।