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नई दिल्ली। (Banking Rule Change) अगस्त के महीने में कई बदलाव देखने को मिलेंगे जो दिन-प्रतिदिन के बैंकिंग कार्यों को प्रभावित करेंगे और अन्य क्षेत्रों पर भी प्रभाव डालेंगे. बैंकों के साथ लेनदेन करने वालों को 1 अगस्त से लागू होने वाले बदलावों के बारे में पता होना चाहिए. एक अगस्त से बैंकिंग से जुड़े कई शुल्कों में बढ़ोतरी होने वाली है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (एनएसीएच) 1 अगस्त 2021 से सप्ताह के सभी दिनों में उपलब्ध होगा. एनएसीएच, एक थोक भुगतान प्रणाली है जो कि राष्ट्रीय पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा संचालित है. यह एक से कई क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा देता है जैसे कि लाभांश, ब्याज, वेतन और पेंशन का भुगतान. यह बिजली, गैस, टेलीफोन, पानी, ऋण के लिए आवधिक किश्तों, म्यूचुअल फंड में निवेश और बीमा प्रीमियम से संबंधित भुगतानों के संग्रह की सुविधा भी प्रदान करता है.

बढ़ें इंटरचेंज चार्ज

यदि आप अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से किसी अन्य बैंक के एटीएम से पैसा निकालते हैं तो इसके लिए आपको एक अगस्त से ज्यादा चार्ज देना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक अगस्त से सभी बैंकों को अपने इंटरचेंज चार्ज में बढ़ोत्तरी की अनुमति दी है. वर्तमान में बैंक हर फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर इंटरचेंज चार्ज के तौर पर 15 रुपये लेते हैं. अब एक अगस्त से दो रुपये की बढ़ोत्तरी के साथ ये चार्ज 17 रुपये हो जाएगा. वहीं अगर नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की बात करें तो वर्तमान में इस पर 5 रुपये का इंटरचेंज चार्ज देना पड़ता है जो कि अब एक अगस्त से 6 रुपये हो जाएगा.
आरबीआई के अनुसार एटीएम के रख-रखाव में होने वाले खर्चें में बढ़ोत्तरी के चलते ये फैसला लिया गया है. साथ ही आरबीआई ने कहा है कि, “इंटरचेंज चार्ज के साथ ही इस से जुड़े अन्य टैक्स भी अलग से अदा करने पड़ेंगे.”

जानिए कितनी बार कर सकते हैं फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन

आरबीआई के संशोधित नियमों के अनुसार ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से हर महीने पांच फ्री ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. वहीं दूसरे बैंकों के एटीएम से ग्राहक मेट्रो सिटी में तीन और नॉन-मेट्रो सिटी में पांच फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. इसके बाद आपको हर ट्रांजेक्शन के लिए अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा.

क्या होता है इंटरचेंज चार्ज

जब कोई कस्टमर क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट करता है तो इस पेमेंट को प्रोसेस करने वाले मर्चेंट के बैंक अकाउंट से ट्रांजेक्शन फीस ली जाती है. आप जब अपने अलावा किसी अन्य बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में आपका बैंक उस दूसरे बैंक को इंटरचेंज शुल्क प्रदान करता है. इसी को इंटरचेंज चार्ज कहते हैं.
जून 2019 में आरबीआई द्वारा गठित एक समिति के सुझावों के आधार पर ये बदलाव किए गए. इंडियन बैंक एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष वीजी कन्नन की अध्यक्षता में गठित समिति ने एटीएम ट्रांजेक्शन के इंटरचेंज स्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान देने के साथ एटीएम चार्जेज की समीक्षा की थी.

1 जनवरी, 2022 से प्रति ट्रांजेक्शन लगेगा 21 रुपये चार्ज

आरबीआई के निर्देशों के अनुसार 1 जनवरी, 2022 से ट्रांजेक्शन चार्ज के तौर पर नई संशोधित दरें लागू हो जाएंगी. एटीएम से तय लिमिट से ज्यादा बार पैसे निकालने के बाद हर ट्रांजेक्शन के लिए बैंक ग्राहक से 20 रुपये का अतिरिक्त शुल्क ले सकेगा. वहीं अगर आप फ्री ट्रांजेक्शन के बाद किसी अन्य बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं तो इस के लिए 1 जनवरी, 2022 से आपको 21 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन के हिसाब से इंटरचेंज चार्ज का भुगतान करना होगा.

IPPB द्वारा बैंकिंग शुल्क में संशोधन

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने घोषणा की थी कि जो ग्राहक इसकी डोरस्टेप सेवाओं का उपयोग करेंगे, उन्हें अब अतिरिक्त शुल्क देना होगा. आईपीपीबी ने कहा है कि वह डोरस्टेप सेवा के लिए प्रत्येक अनुरोध के लिए 20 रुपये (प्लस जीएसटी) चार्ज करना शुरू कर देगा. यह 1 अगस्त से लागू होगा. वर्तमान में आईपीपीबी के जरिए दी जाने वाली डोरस्टेप बैंकिंग पर कोई शुल्क नहीं है. हालांकि जब आईपीपीबी कर्मी किसी ग्राहक के घर सेवा के लिए जाते हैं तो लेनदेन की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी.

ICICI बैंक शुल्क संशोधन

भारत के प्रमुख निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि वह अपने घरेलू बचत खाताधारकों के लिए नकद लेनदेन, एटीएम इंटरचेंज और चेक बुक शुल्क की सीमा को संशोधित करेगा. आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के मुताबिक ये बदलाव 1 अगस्त से प्रभावी होंगे. शुल्क का संशोधन सभी नकद लेनदेन, जमा और निकासी के लिए लागू होगा. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, जिन ग्राहकों का बैंक में नियमित बचत खाता है, उन्हें चार मुफ्त लेनदेन की अनुमति है. आईसीआईसीआई के अनुसार मुफ्त सीमा से ऊपर के लोगों को प्रति लेनदेन 150 रुपये का शुल्क देना होगा.

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