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चंडीगढ़।  (big blow to congress in punjab amid chintan shivir sunil jakhar said goodbye) पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ दी है। शनिवार को फेसबुक लाइव के दौरान जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व चापलूसों से घिरा हुआ है। इसकी वजह से कांग्रेस का नुकसान हो रहा है। चिंतिन शिविर के बीच ही कांग्रेस हाईकमान की चिंता और बढ़ गई है।
उन्होंने सोनिया गांधी को कहा कि वह पूरे देश में राजनीति करें, लेकिन पंजाब को बख्श दें। जाखड़ ने कहा कि आतंकवाद के दौर में और 1984 में जब AK-47 भी पंजाब में धर्म और जात-पात का भेदभाव न कर सकी, उसे कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने चुनाव के वक्त कर दिया।
जाखड़ ने कहा कि आज मुझे उदयपुर में कांग्रेस की हालत देख तरस आ रहा है। कितने नेता चीयरलीडर्स और कितने कड़वी और सच्ची बात कहेंगे? जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस का चिंतन शिविर सिर्फ एक फॉर्मेलिटी से ज्यादा नहीं।

चिंता होती तो UP की हार का विश्लेषण करते

जाखड़ ने कहा कि अगर वाकई चिंता होती तो कांग्रेस उत्तर प्रदेश में हार के लिए कमेटी बनाती। इसका कारण खोजती कि कैसे 403 में से 300 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार को 2 हजार वोट भी नहीं मिले।
इससे ज्यादा वोट तो पंचायत के उम्मीदवार को ही मिल जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसका जिम्मेदार उम्मीदवार नहीं बल्कि शीर्ष नेताओं और पार्टी नेतृत्व ने कांग्रेस की यह दुर्दशा की है।

हरीश रावत को किए की सजा मिली

जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस को उम्मीद थी कि उत्तराखंड और पंजाब के अंदर पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी। यहां कांग्रेस की सरकार बनेगी। ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने पूछा कि क्या कोई बताएगा कि उत्तराखंड के सीएम प्रत्याशी हरीश रावत का एक पैर पंजाब और दूसरा देहरादून में था, क्या सोचकर रावत को प्रभारी बनाकर भेजा गया? क्या रावत की मंशा थी कि हम तो डूबे सनम और तुमको भी ले डूबेंगे। हरीश रावत को किए की सजा मिली।

पंजाब में हिंदू-सिख के जहर का बीज बोया गया

जाखड़ ने कहा कि मेरा सोनिया गांधी से निवेदन है कि राजनीति पूरे देश में करिए, पंजाब को बख्श दीजिए। पंजाब ने बहुत बुरे दिन देखे हैं। पंजाब को धर्म के आधार पर नहीं देख सकते। पंजाब एक है।
अंबिका सोनी की जुबान ने कांग्रेस का बेड़ा डुबोया। सिख, सिखी और कांग्रेस के माथे पर सोनी ने कलंक लगाया। सोनी ने हिंदुओं को बदनाम किया। कहा गया कि हिंदू बन गया सीएम तो पंजाब में आग लग जाएगी। यह काम तो आतंकवाद में AK-47 भी नहीं कर पाई।

कांग्रेस में रहा 50 साल का सफर

सुनील जाखड़ की तीसरी पीढ़ी कांग्रेस में है। इस बार उनके भतीजे संदीप जाखड़ कांग्रेस से विधायक बने हैं। टकसाली कांग्रेसी होने के बावजूद वह हाईकमान की उपेक्षा से नाराज रहे।
जाखड़ को हाल ही में चुनाव के दौरान बयानबाजी पर नोटिस भेजा गया है। जाखड़ का कहना है कि नोटिस भेजने से पहले कांग्रेस हाईकमान को उनसे बात करनी चाहिए थी। इसी वजह से उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया। जाखड़ ने स्पष्ट कर दिया कि वह कांग्रेस हाईकमान के आगे नहीं झुकेंगे।

जाखड़ की नाराजगी की वजह

नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने के लिए उन्हें बेवजह एकदम कुर्सी से हटा दिया गया।
कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद उन्हें CM बनाने की तैयारी थी। हालांकि, अंबिका सोनी के सिख स्टेट सिख सीएम की बात कहने पर उनका पत्ता कट गया।
जाखड़ इस बात से नाराज हैं कि कांग्रेस ने पहली बार पंजाब में हिंदू-सिख की बात की। वह पंजाबी हिंदू हैं और पंजाब में कभी इस तरह का भेदभाव नहीं हुआ।

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