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जालंधर। (Big revelations after GST raid in Mobile World, it seems like the government is losing crores every day) जी.एस.टी. विंग द्वारा मोबाइल वर्ल्ड पर की गई रेड के बाद बड़े खुलासे हो रहे हैं। विभाग द्वारा रेड करके लाखों का माल जब्त करने के बाद लाखों, करोड़ों के जी.एस.टी. चोरी की परतें खुलनी हो गई हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा इस मामले में गहराई से पड़ताल शुरू कर दी गई है।
बता दें कि दो दिन पहले जी.एस.टी. विंग ने मोबाइल वर्ल्ड दुकान पर छापेमारी की। दुकान से लाखों के मोबाईल ज़ब्त किए गए। आरोप है कि मोबाईल की खरीदो-फरोख्त में लाखों का चूना लगाया जा रहा था। विभागीय अधिकारियों की टीम इस सारे मामले को खंगाल रही है।
इसी बीच मोबाइल की खरीदो फरोख्त में हो रही जी.एस.टी. चोरी के मामले में बड़े खुलासे हुए हैं। मोबाईल की खऱीदो फरोख्त पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. है। मार्किट में कड़ी प्रतिस्पर्धा होने के कारण मोबाइल विक्रेताओं द्वारा जी.एस.टी. चोरी की जुगत भिड़ाई गई है। अगर सूत्रों की मानें तो जालंधर में ही अलग-अलग तरीकों से करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।

शहर में मोबाइल आ रहे हैं विदाउट बिल

सूत्रों की मानें तो शहर में इस समय ज्यादा मोबाइल विदाउट बिल बिक रहा है। विदाउट बिल यानिकि शहर में दो नंबर का मोबाइल धड़ल्ले से दिल्ली व अन्य शहरों से पहुंच रहा है। हालांकि दुकानदार किसी भी खरीदार को मोबाइल बेचने के साथ अपनी दुकान का ‘फेक बिल’ थमा देते हैं। लेकिन अगर इसकी गहराई से पड़ताल की जाए तो कंपनी रिकार्ड में इन सैट की बिक्री की एंटरी नहीं होती। क्योंकि ये दूसरे देशों से तस्करी कर लाए गए ये सेट दिल्ली के ज़रिए जालंधर व आसपास की मार्किट में पहुंचते हैं। ग्राहक के पास दुकानदार का बिल होने के कारण मामला दबा सा ही रहता है।

बिकते हैं फाईनांस़ड सैट

सूत्रों के मुताबिक शहर में एक और तरीके से सरकार को चूना लगाया जा रहा है। पता चला है कि जी.एस.टी. चोरी के माहिर कुछ दुकानदार किसी न किसी के नाम पर मोबाइल सैट फाईनांस करवा लेते हैं और फिर वही सैट 500-1000 रूपए सस्ता करके किसी और ग्राहक को बेच देते हैं। फाईनांस की किश्ते पहला ग्राहक ही भरता रहता है। इसी तरीके से फाईनांसड सैट एक, दो, तीन हाथों में बिकता रहता है। नियम ये है कि जितनी बार सेल परचेज़ हो, उसका जी.एस.टी. जमा करवाया जाए, लेकिन फाईनांसड सैट की बिना जी.एस.टी. भरे ऐसे ही खरीदो फरोख्त होती रहती है।

ऑनलाइन खरीद कर बेचते हैं मोबाईल

ऑनलाइन कारोबार ने मोबाइल मार्किट में भी अच्छा खासा डैंट डाला है। लेकिन ऑनलाइन तकनीक से भी दुकानदार खासा कारोबार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक ऑनलाइन खरीद पर अच्छा खासा कैश बैक मिलता है। दुकानदारों द्वारा अलग अलग कार्ड से ऑनलाइन सैट खरीद लिए जाते हैं। और फिर वही सैट बाद में मार्किट में बेच दिए जाते हैं। ऑनलाइन खरीद से एक तो दुकानदार कैश बैक बचाते हैं और दूसरा मार्किट में वही मोबाइल सैट मंहगे दाम पर बेच देते हैं। इसके लिए वे अपना बिल देकर सरकार को भी चूना लगा रहे हैं।

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