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जालंधर। (Bittu Makkar vs Monu Puri Commissionerate police Jalandhar) 50 लाख की चोरी के हाई प्रोफाईल केस इस समय महानगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रसिद्ध उद्योगपति बिट्टू मक्कड़ और आलू व्यापारी मोनू पुरी के बीच रूपए के लेन देन को पुलिस ने चोरी का केस बना दिया।
बिट्टू मक्कड़ द्वारा मोनू पुरी के खिलाफ दर्ज करवाया गया 50 लाख की चोरी का मामला कमिश्नरेट पुलिस को कुछ ही घण्टों में रद्द करना पड़ा। इस मामले में कमिश्नरेट पुलिस की तो किरकिरी जो हुई सो हुई, साथ ही प्रसिद्ध उद्योगपति बिट्टू मक्कड़ भी सवालों को कटघरे में हैं।
बता दें कि बीते दिन बिट्टू मक्कड़ के ब्यानो पर कमिश्नरेट के थाना भार्गव कैंप की पुलिस ने आलू व्यापारी मोनू पुरी के खिलाफ 50 लाख को चोरी का केस दर्ज किया। आरोप लगाया गया कि मोनू पुरी ने कुछ दिन पहले बिट्टू मक्कड़ के घर आए और घर से 50 लाख रूपए चोरी कर ले गए।
मोनू पुरी के खिलाफ चोरी का केस दर्ज होने का खुलासा होने पर हड़कंप मच गया। केस दर्ज होने की सूचना मिलते ही मोनू पुरी ने कमिश्नरेट पुलिस से संपर्क किया।
मोनू पुरी द्वारा पुलिस को दिए ब्यानो और सबूतों में बताया गया कि जिस दिन उन पर चोरी करने का आरोप लगाया गया है, वो उस दिन शहर में थे ही नहीं, बल्कि सुल्तानपुर लौधी में थे।
इस संबंधी सीसीटीवी फुटेज, मोबाईल टावर लोकेशन इत्यादि पुलिस ने चैक करवाई। यहां तक की मोनू पुरी ने पुलिस को उन लोगों के बारे में भी पुलिस को बताया, जिन लोगों के साथ वे सुल्तानपुर लौधी में थे।
इसके अतिरिक्त ये भी बताया कि बिट्टू मक्कड़ ने ब्यानों में कहा है कि 16 जुलाई को मोनू पुरी उनके घर पर था तो उस दिन ही उनकी रिश्तेदार का एक्सीडैंट हो गया और वे घर से ऐसे ही निकल गए।
जबकि मोनू पुरी के मुताबिक बिट्टू मक्कड़ की रिश्तेदार का एक्सीडैंट तड़कसार 2.45 मिनट पर हुआ था। सवाल ये है कि क्या मोनू पुरी बिट्टू मक्कड़ के घर तड़कसार 2.45 बजे मौजूद थे।
ऐसे कई तर्क मोनू पुरी द्वारा ईमानदारी का दम भरने वाले कमिश्नरेट पुलिस अधिकारियों के सामने रखे।
सबूत देख कर कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारी सकते में आ गए। दो दिन पहले गुपचुप ढंग से दर्ज किया गया चोरी का केस पुलिस ने मोनू पुरी द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर रद्द कर दिया।

व्याज पर लिए थे पैसे, लौटा भी दिए फिर भी झूठा केस करवाया

मोनू पुरी का कहना है कि कुछ साल पहले उन्होने बिट्टू मक्कड़ से 30 लाख रूपए व्याज पर लिया था, इसके एवज़ में उन्होने चैक और अपनी प्रोपर्टी के दस्तावेज उनके पास रखे थे।
कोरोना के कारण पैसे लौटान में देरी हुई तो उनके खिलाफ अदालत में केस कर दिया गया।
बाद में उन्होने पैसे वापस कर दिए तो अदालत में मामला खत्म हो गया। मोनू पुरी का कहना है कि बिट्टू मक्कड़ ने उनके प्रोपर्टी के दस्तावेज नहीं लौटाए थे।

मोनू पुरी ने किया ये ऐलान

झूठे केस में फंसाए जाने से आहत मोनू पुरी ने अब बिट्टू मक्कड़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मोनू पुरी का कहना है कि मक्कड़ परिवार द्वारा कई सालों से दर्जनों परिवारों को अपना शिकार बनाया गया है।
मोनू पुरी ने ऐलान किया है कि अब मक्कड़ परिवार के धक्केशाही का शिकार लोगों की वे आवाज बनेेंगे।
मोनू पुरी ने आम जनता से अपील की है कि जिसके साथ भी धक्केशाही हुई है, वे उनसे संपर्क करेंं। मोनू पुरी ने कहा है कि झूठी एफ.आई.आर. दर्ज करवाने व उनके खिलाफ झूठी गवाही देने वालो के खिलाफ वे जल्द ही लीगल एक्शन लेंगे।

कमिश्नरेट पुलिस की हुई किरकिरी

ईमानदार और न्याय पसंद होने का दावा करने वाली कमिश्नरेट पुलिस की इस जमकर किरकिरी हो रही है।
हैरानीजनक बात ये है कि रूपए के लेन देन के इस मामले में पुलिस ने सबकुछ जानते हुए भी चोरी का केस दर्ज कर दिया।
ऐसी भी क्या मजबूरी थी कि पुलिस ने लगभग दो सप्ताह पहले बताए गए मामले में केस दर्ज कर लिया। जबकि आम जनता की  ऐसी कई शिकायतें कमिश्नरेट पुलिस के दफ्तर और थानों में धूल फांक रही हैं।
अधिकारियों, थाना प्रभारियों का उनकी तरफ ध्यान तक नहीं है। स्पष्ट है कि कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारियों ने अपने केस दर्ज करके अपने ‘पुराने कर्ज’ उतारे हैं।

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