Prabhat Times
लुधियाना। भारतीय जनता पार्टी पंजाब (BJP Punjab) में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। कृषि बिलों को लेकर किसानों के साथ साथ पंजाबवासियों का विरोध झेल रहे भारतीय जनता पार्टी के नेता अब आपस में उलझने लगे हैं।
हालात ये है कि फ्रस्ट्रेशन और इरीटेशन के कारण भाजपा नेता अब एक दूसरे पर हाथ तक उठाने लगे हैं। पिछले दिनों लुधियाना में हुआ ‘थप्पड़कांड’ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पार्टी में अंदर ही अंदर चर्चा तो हो रही है, लेकिन दबी जुबान में।
बता दें कि किसान आंदोलन के कारण पंजाब में भाजपा और नेताओं की हालत खराब है। हर जिला, गांव, गली में भाजपा नेताओँ का विरोध हो रहा है। हालात ऐसे हैं कि कई कई सालों तक जनप्रतिनिधि रहे नेताओं को अब अपने ही समर्थकों का विरोध करना पड़ रहा है। जनता में पार्टी की नीतियां, कार्यक्रम पहुंचाने का काम करने वाले भाजपा नेताओं की कई सुनने को तैयार नहीं है।
इसी वजह से भाजपा नेता बेशक न बोलें, लेकिन अंदर ही अंदर वे पार्टी आलाकमान से ज्यादा खुश नहीं है। अब भाजपा नेता पब्लिक और वोटरों में अपना साख बचाने के लिए पार्टी हाईकमान से खुलेआम किसान आंदोलन का मुद्दा हल करने के लिए खुलेआम बोल चुके हैं।
लुधियाना में भी ऐसा ही हुआ एक वाक्या विवाद का कारण बना। पता चला है कि लुधियाना में ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े एक जन प्रतिनिधि ने भी ऐसी ही एक बात की थी। जो कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को गले नहीं उतरी। सूत्रों से पता चला है कि कुछ दिन पहले लुधियाना में एक पार्टी समारोह में ये सभी नेता इकट्ठे हो गए।
जहां पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने किसान आंदोलन के हक में बोलने वाले नेता के साथ तर्क वितर्क किया। नौबत तीखी नोकझोंक तक पहुंच गई। पता चला है कि इसी बीच लुधियाना के नेता के समर्थकों ने वरिष्ठ नेता पर हाथ उठा दिया।
जिस कारण पार्टी का माहौल तक बदल गया। नौबत हाथापाई तक पहुंची तो वहां मौजूद अन्य नेताओं ने दोनो पक्षों को अलग किया। इस मामले में कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस थप्पड़कांड की गूंज सुनी जा रही है।

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