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लुधियाना। (Factory collapsed in Ludhiana) लुधियाना के बाबा मुकंद सिंह नगर में फैक्ट्री का लैंटर गिरने से मलबे में दबे करीब 40 में से करीब 36 मज़दूरों को बचा लिया गया है। हादसे में 3 मज़दूर की मृत्यु का समाचार है तथा घायल मज़दूरों को अस्पताल दाखिल करवाया गया है।
इसी बीच प्रारंभिक तथ्यों के मुताबिक फैक्ट्री में हुए हादसे की बड़ी वजह सामने आई है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में तीसरी मंजिल के लेंटर को जैक लगाकर उठाया जा रहा था। पुलिस द्वारा फैक्ट्री मालिक और ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

जैक से उठाया जा रहा था लैंटर

जानकारी के अनुसार मुकंद सिंह नगर में जसमेल सिंह एंड संस की पुरानी फैक्टरी है। बीते कुछ दिन से फैक्टरी की तीसरी मंजिल के लेंटर को ऊपर उठाने का काम चल रहा था।
इसके लिए सुबह 4:00 बजे से ही ठेकेदार मजदूरों समेत पहुंच गया और काम शुरू कर दिया गया। बताया जा रहा है कि लेंटर को उठाने के लिए 40 जेक लगाए गए थे। सोमवार सुबह लगभग चार बजे 40 मजदूर काम में जुटे थे। सारा काम पूरा हो चुका था।
इसी बीच अचानक फैक्टरी की दूसरी मंजिल की छत नीचे गिर गई। इसके साथ ही तीसरी मंजिल नीचे गिर गई। इससे एक दम से मिट्टी का गुबार उठा। आसपास के लोग तुरंत घटनास्थल की तरफ भागे और उन्होंने किसी तरह इमारत में फंसे कुछ मजदूरों को वहां से निकाल लिया।
फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित दमकल विभाग की टीमें जुटी हुई हैं। वह मलबा हटाकर अंदर फंसे मजदूरों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

दो और बिल्डिंग अनसेफ

घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल, डीसी वरिंदर शर्मा सहित सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालात को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम को तुरंत मौके पर बुला लिया गया है। अभी तक 36 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, पांच मजदूर अंदर फंसे हुए हैं।
घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक मजदूर की मौत हो गई। दो गंभीर रुप से घायल मजदूरों को निजी अस्पातल में भर्ती कराया गया है। इस बिल्डिंग के साथ दो अन्य इमारतों को फिलहाल अनसेफ घोषित कर दिया गया है।
डीसी वरिन्दर शर्मा ने बताया कि फिलहाल अंदाजा है कि इस इमारत में चालीस मजदूर काम कर रहे थे, प्रशासन की तरफ से अभी तक 35 मजदूरों को निकाला जा चुका है। आशंका है कि पांच मजदूर अभी अंदर फंसे है, जिन्हें एनडीआरएफ की टीमें बाहर निकालने की कोशिश कर रही है। अभी हमारा पहला फोकस फंसे लोगों को बाहर निकालना है। यह कार्रवाई पूरी होने के बाद मामले की जांच होगी। इसमें जो भी आरोपी होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने कहा कि हमें चालीस मजदूरों के काम करने की सूचना है, इसमें 35 को निकाला जा चुका है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अंदर लगभग पांच मजदूरों के फंसे होने की खबर है। उन्हें बचाने का काम चल रहा है। यह काम पूरा होने पर पूरे मामले की जांच होगी, आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई होगी।

हादसे से साथ वाली फैक्ट्री में भी नुकसान

लेंटर गिरने से टूटी दीवार पीछे वाली फैक्ट्री बालाजी इंटरप्राइजेज में जा गिरी, जिससे कुछ कमरों काे नुकसान पहुंचा है। साथ ही पीछे खड़े एक टेंपो और एक ऑटो रिक्शा भी चपेट में आ गए। टेंपू के अंदर बैठा ड्राइवर परमिंदर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक अन्य फैक्ट्री जीके प्लेटिंग के सेट के ऊपर भी दीवार का मलबा गिरा। जिसके नीचे काम कर रहे फैक्ट्री के तीन मजदूर दब गए। उन्हें बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।

नगर निगम कार्यशैली संदेह के घेरे में

वहीं हादसे के बाद फिर नगर निगम पर सवालिया निशान लग गया है कि आखिरकार पुरानी इमारत को तीसरी मंजिल की छत को जेक से उठाने की अनुमति कैसे दी गई। अगर निगम से कोई परमिशन नहीं ली गई है, तो फिर निगम अफसरों ने समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की।
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