Prabhat Times
जालंधर। (cabana resort and spa attached by ED in the case related to hawala business) जालंधर फगवाड़ा रोड पर स्थित जाना-माना कबाना रिजार्ट कुर्क कर लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारत और नीदरलैंड में कानूनी सहयोग के तहत हवाला कारोबार रोधी कानून के तहत भारतीय मूल के डच नागरिक शिवलाल पब्बी और उसके साथियों के 32.57 करोड़ रुपये कीमत के जालंधर में कबाना रिजार्ट और स्पा को कुर्क किया है। एक आधिकारिक बयान में ईडी ने कहा कि नीदरलैंड सरकार के अनुरोध पर शिवलाल पब्बी और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्डिंग की जांच शुरू की गई थी।
जांच में सामने आया कि शिवलाल पब्बी ने अपने भारतीय सहयोगियों की मदद से जाली दस्तावेज तैयार कर नीदरलैंड में धोखाधड़ी और जालसाजी की है। जांच एजेंसी के अनुसार शिवलाल पब्बी नीदरलैंड में पाकिस्तानी नागरिकों के जरिए हवाला कारोबार कर रहा था। यह पाकिस्तानी नागरिक इस समय दुबई में रह रहे हैं। उन्होंने फगवाड़ा में शिवलाल पब्बी और उसके परिवार के सदस्यों के खातों में पैसा हस्तांतरित किया था।
जांच एजेंसी के अनुसार हवाला कारोबार की आय को रिसार्ट के विकास और निर्माण में निवेश किया गया। इसका प्रबंधन शिवलाल पब्बी के चचेरे भाई अनिल कुमार चोढा और मनोज कुमार चोढा देख रहे हैं। इससे पहले शिवलाल पब्बी को ईडी ने 17 जुलाई को देश छोड़कर भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया था।
ईडी ने शिवलाल पब्बी, अनिल कुमार चोढा, मनोज कुमार चोढा, मुकेश शर्मा, मेयफेयर रिसार्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और कबाना इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मोहाली की विशेष अदालत में नौ सितंबर को शिकायत दायर की थी। यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।

कुछ महीने पहले भी क्लब कबाना पर प्रवर्तन निदेशालय ने की थी रेड

छह महीने पहले ईडी की दिल्ली की टीम ने फगवाड़ा रोड स्थित क्लब कबाना में 25 करोड़ की फारेन ट्रांजेक्शन की जांच को लेकर रेड की थी। उसी समय से क्लब कबाना का प्रबंधन ईडी के रडार पर चल रहा था। उसके बाद से क्लब कबाना में होने वाले तमाम आयोजनों पर भी ईडी की नजर बनी हुई थी।
शिवलाल पब्बी विभिन्न नामों से रहता था। इसकी सूचना भी ईडी को काफी पहले दी जा चुकी थी। शिवलाल पब्बी और उसके सहयोगियों की हर मौके पर मदद करके एक बड़ा साम्राज्य खड़ा करने वाला मास्टरमाइंड अभी भी ईडी की निगाहों से दूर है। क्लब कबाना सहित तमाम बड़ी प्रापर्टीज में इनके हिस्सेदार जालंधर का ही रहने वाला मास्टरमाइंड तक ईडी नहीं पहुंच पाई है।

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