Prabhat Times
चंडीगढ़। (Captain Amrinder Singh Future Plan) कांग्रेस को पंजाब की राजनीति में हाशिए पर लाने में अहम भूमिका अदा करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह का ‘फ्यूचर प्लान’ भी तैयार हो रहा है या ये कहें कि लगभग तैयार है।
पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस(PLC) का भाजपा में विलय होगा। यह विलय इसी जुलाई महीने होने की चर्चा तेज हो चुकी है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह अभी विदेश में रीढ़ की हड्‌डी की सर्जरी करवाने गए हैं। वह अगले हफ्ते तक भारत वापस लौट सकते हैं। उनके वापस लौटने के बाद इस बारे में प्रक्रिया शुरू होगी।
इस विलय के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को भाजपा बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। खासकर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा पंजाब की 13 सीटों पर भी फोकस कर रही है।
पता चला है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह लोकसभा चुनावों कांग्रेस छोड़ आए अपनी पुरानी टीम के साथ एक बार फिर बड़ी भूमिका में नज़र आएंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का हाल ही में लंदन में रीढ़ की हड्‌डी की सर्जरी हुई है। इसका पता चलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हालचाल भी पूछा।

अलग फौज बना चुनाव लड़े थे कैप्टन

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अलग पार्टी बनाई थी। पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के नाम से उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा।
जिसमें भाजपा के साथ उनका गठबंधन रहा। हालांकि उन्हें कामयाबी नहीं मिली। पार्टी कैंडिडेट्स के साथ वह खुद भी पटियाला सीट हार गए।

ज्यादातर कांग्रेसी भाजपा में शामिल हुए

कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद बड़ी तादाद में कांग्रेसियों के उनके साथ आने की उम्मीद थी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ।
कांग्रेस MLA रहे फतेहजंग बाजवा और राणा गुरमीत सोढ़ी चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए।
चुनाव के बाद दिग्गज सुनील जाखड़ भी भाजपा में चले गए। इसके बाद पूर्व कांग्रेसी मंत्री गुरप्रीत कांगड़, शाम सुंदर अरोड़ा, राजकुमार वेरका और बलबीर सिद्धू ने भी भाजपा जॉइन कर ली। ज्यादातर कांग्रेसी कैप्टन के करीबी रहे।

सांसद पत्नी की भी होगी BJP में एंट्री

कैप्टन की पार्टी के विलय के साथ उनकी सांसद पत्नी परनीत कौर की भी भाजपा में एंट्री हो सकती है। हालांकि इस बारे में कैप्टन की भाजपा से चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा।

कांग्रेस ने अचानक कुर्सी से उतारा

कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस ने पिछले साल सितंबर महीने में अचानक CM की कुर्सी से हटा दिया।
कैप्टन ने इसे अपना अपमान करार देते हुए कांग्रेस छोड़ दी। हालांकि कैप्टन को हटाने के बाद कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली।
जिस नवजोत सिद्धू के दबाव में कैप्टन पर एक्शन हुआ, वह चुनाव हार गए। कैप्टन के बाद CM बने चरणजीत चन्नी भी 2 सीटों से चुनाव हारे।
2017 में 77 सीटों वाली कांग्रेस 18 सीट पर सिमटकर रह गई। कई दिग्गज कांग्रेसी आम आदमी पार्टी के नौसीखिया उम्मीदवार के आगे ढेर हो गए।

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