Prabhat Times
चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) के लोगों को जल्‍द ही बड़ा तोहफा मिल सकता है। राज्‍य की कांग्रेस सरकार (Congress Govt.) सभी परिवारों को 200 यूनिट फ्री बिजली देने की तैयारी कर रही है। 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार यह कदम उठाने की तैयारी में है। राज्‍य में महंगी बिजली से कांग्रेस घबराई हुई है और इसी कारण पार्टी हाईकमान की ओर से कैप्‍टन को दिए 18 बिंदु के कार्यों में मुफ्त बिजली प्रमुख रूप से शामिल है।
दरअसल पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस हाईकमान और राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को 18 प्वाइंट का एजेंडा दिया है। इन 18 प्वाइंटों में सबसे अहम हर घर को 200 यूनिट निशुल्क बिजली देना भी शामिल है। पंजाब में घरेलू सेक्टर की महंगी बिजली पिछले लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और इसको लेकर शहरी वर्ग में रोष व्याप्त है।
2017 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने आम लोगों से वादा किया था कि प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ बिजली समझौते रद करके वह बिजली दरों में आम लोगों को राहत देगी। लेकिन, सत्ता में आने के बाद कैप्टन सरकार ने यह कदम नहीं उठाया और कहा कि निजी थर्मल प्लांटों के साथ समझौतों को रद नहीं किया जा सकता। राज्‍य में अभी कृषि, दलितों, पिछड़ों और उद्योगों को निशुल्क बिजली या बिजली में सब्सिडी देकर राहत दी जा रही है, लेकिन घरेलू और कमर्शियल सेक्टर पर इसका बोझ बढ़ रहा है। आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी महंगी बिजली को मुद्दा बनाया हुआ है।
पंजाब कांग्रेस की कलह को शांत करने के लिए बनाई गई कमेटी के सामने भी विधायकों ने महंगी बिजली का मुद्दा उठाया। इसके अलावा उठाए गए अन्य मुद्दों के आधार पर जिन 18 मुद्दों की सूची भेजी गई है उनमें सभी परिवारों को 200 यूनिट फ्री बिजली देने का भी मामला है।
यही नहीं, बेअदबी कांड, रेत माफिया पर लगाम, ट्रांसपोर्ट माफिया पर लगाम के साथ-साथ निजी थर्मल प्लाटों के साथ-साथ किए गए बिजली खरीद समझौतों को रद करने जैसे मुद्दे भी इसमें शामिल हैं। बुधवार को कांग्रेस द्वारा मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्‍यक्षता में गठित की गई कमेटी ने कैप्टन को ये प्वाइंट दे दिए हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री वापस दिल्ली से चंडीगढ़ आ गए है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी व कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे हरीश रावत ने इस बात की पुष्टि की है। रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री को 18 प्वाइंटों को तय समय-सीमा के भीतर पूरा करना होगा और इसकी बाकायदा आम लोगों को जानकारी भी देनी होगी। माना जा रहा है कि पिछले 23 दिनों से कांग्रेस का अंतर्कलह को खत्म करने के लिए पार्टी हाईकमान ने यह फार्मूला निकाला है।
इस बीच बुधवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ और राज्य सभा सदस्य हरीश रावत से भी मुलाकात की। वहीं, पार्टी हाईकमान ने दो विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी देने के मामले को भी गंभीरता से लिया है। इसी की परिणाम है कि फतेहजंग बाजवा ने तो अपने बेटे को इंस्पैक्टर नहीं लगाने का फैसला लिया है। वहीं, राकेश पांडे भी इसी राह पर चलते हुए अपने बेटे के लिए नायब तहसीलदार की नौकरी को ठुकरा सकते है।

ये मुद्दे हैं कांग्रेस आलाकमान द्वारा दिए गए 18 बिंदुओं में

  • सभी परिवारों को 200 यूनिट बिजली फ्री दिया जाए।
  • गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी मामले पर तुरंत कार्रवाई हो।
  • रेत माफिया के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो। रेत पर से धीरे धीरे सरकार का कंट्रोल खत्म हो, लोग अपनी ज़मीन से रेता निकाल सकेगा।
  • ट्रांसपोर्ट माफिया पर कार्रवाई हो।
  • दलितों के जमीन पर कब्जे हैं उनको रेगुलराइज़ किया जाए।
  • दलितों के बच्चों को वज़ीफ़ा दिया जाए।
  • किसानों की तरह दलितों का कर्ज माफ किया जाए।
  •  हर वर्ग के छात्रों को स्पेशल वज़ीफ़ा दिया जाए।
  • ड्रग्स माफिया पर समयबद्ध ढंग से कार्रवाई की जाए।
  •  प्राइवेट थर्मल प्लांटों से किए गए समझौते रद किए जाएं।
  • बेअदबी का मुद्दा यथासंभव जनभावनाओं और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाए।
  •  चुनावी घोषणा पत्र में किए गए बचे वायदे पूरे करने के लिए समय सीमा तय की जाए।

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