Prabhat Times
जालंधर। आखिरकार सस्पेंस ख़त्म हुआ और कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) ने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) के पदभार ग्रहण में शामिल होने पर हामी भर दी है. इस बाबत औपचारिक ऐलान खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के सलाहकार ने ट्विटर पर किया. कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कल सुबह 10 बजे सभी विधायकों और सांसदों को चाय पर बुलाया है. इसके बाद सभी लोग साथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय जाएंगे.
ताजपोशी में जाने का सस्पेंस तो खत्म हुआ, लेकिन एक और सस्पेंस बन गया कि ये ‘चमत्कार’ कैसे हुआ? आखिर कैप्टन नर्म कैसे पड़ गए? लेकिन ये मुमकिन हुआ कैसे? वो कैप्टन अमरिन्दर सिंह जिनके सलाह ने दो दिन पहले ट्वीट किया कि कैप्टन अमरिन्दर तब तक सिद्धू से नहीं मिलेंगे जब तक कि सिद्धू उनसे सार्वजनिक माफी नहीं मांगते वो आखिर नवजोत सिद्धू के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने को राज़ी कैसे हो गए?
उच्च सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर को खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने फोन किया और उनसे इस बाबत बात की. सूत्रों के मुताबिक़ प्रियंका गांधी ने कैप्टन अमरिन्दर से कहा कि उन्हें सिद्धू के पदभार ग्रहण में जाना चाहिये क्योंकि वो मुख्यमंत्री हैं और उनका ना जाना बहुत गलत संदेश भेजेगा. यही नहीं सूत्रों के मुताबिक़ प्रियंका गांधी ने कैप्टन अमरिंदर को बताया कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस मौके पर अपना संदेश भेज रहीं हैं.
प्रियंका गांधी के फोन के बाद हीं कैप्टन अमरिंदर सिंह इस कार्यक्रम में शामिल होने को राज़ी हुए. हालांकि कैप्टन के करीबी सूत्रों के मुताबिक़ प्रियंका गांधी के कहने पर कैप्टन अमरिन्दर ऐसा कर तो रहे पर वो इससे खुश नहीं हैं.
कांग्रेस आलाकमान के जरिए पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष की कुर्सी दिए जाने के बाद सिद्धू ने बुधवार को अमृतसर में बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया. पंजाब कांग्रेस के 80 में से करीब 62 विधायकों के साथ सिद्धू स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे. इससे पहले शनिवार से सिद्धू 50 से ज्यादा विधायकों के घर जाकर उनसे मिल चुके हैं. अमृतसर में विधायकों के जमावड़े से साफ हो गया कि कैप्टन खेमा सिकुड़ गया है और उसे छोड़कर पंजाब कांग्रेस के ज्यादातर नेता, विधायक और खुद कैप्टन सरकार के मंत्री सिद्धू के नेतृत्व में अपना भविष्य देख रहे हैं.

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