नई दिल्ली (ब्यूरो): लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच शांति की खबरों के बीच अब सूचना है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि – ‘गैलवान घाटी में डे-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान कल रात दोनों सेनाओं का आमना सामना करना हुआ जिसमें हमारे जवान शहीद हुए। भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो सैनिक शामिल हैं। दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूदा तनाव कम करने के लिए बैठक कर रहे हैं।’ उधर पता चला है कि चीन के भी 3 सैनिक मारे गए हैं। ये भी कहा जा रहा है कि फायरिंग भी नहीं हुई।

पिछले महीने की शुरुआत में गतिरोध शुरू होने के बाद भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया था कि भारतीय सैनिक पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक तथा दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के आक्रामक अंदाज से निपटने के लिए कड़ा रुख अपनाएंगे। चीनी सेना एलएसी के पास धीरे-धीरे अपना रणनीतिक भंडार बढ़ाती रही है और उसने वहां तोपें एवं अन्य भारी सैन्य उपकरण पहुंचाए हैं।

मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की वजह पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत के एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का चीन द्वारा किया जा रहा तीखा विरोध है। इसके अलावा गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर भी चीन विरोध जता रहा है।

भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम है यह सड़क

पैंगोंग सो में फिंगर क्षेत्र में सड़क को भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम माना जाता है। भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी किसी सीमावर्ती आधारभूत परियोजना को नहीं रोकेगा।

दोनों देशों के सैनिक गत पांच और छह मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो क्षेत्र में आपस में भिड़ गए थे। इस घटना में दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे। इस झड़प में भारत और चीन के करीब 250 सैनिक शामिल थे। इसी तरह की एक अन्य घटना में नौ मई को उत्तरी सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास लगभग 150 भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे।