चंडीगढ़ (ब्यूरो): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए केंद्र से आज पंजाब के वस्तु एवं सेवा कर (GST) मुआवजा बकाया, जो 2088 करोड़ रुपये है, तुरंत जारी करने की मांग की।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से इसीके साथ वाणिज्यिक बैंकों के औद्योगिक एवं कृषि/फसल रिण की किश्तों को टालने का अनुरोध किया।

पंजाब सरकार के आज यहां जारी बयान के अनुसार टेलीफोन पर बात करने के बाद उन्होंने श्रीमती सीतारमण को पत्र लिखकर कोरोनावायरस महामारी से उपजे संकट से निबटने के लिए और भी कुछ त्वरित कदम उठाने का अनुरोध किया। उससे पहले  सीतारमन ने उन्हें फोन किया था, जिसके बाद कैप्टन अमरिंदर ने पत्र लिखा।

कैप्टन अमरिंदर ने केंद्रीय वित्त मंत्री से कहा कि बैंक खोलने के लिए उन्होंने प्रदेश के वित्त विभाग को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करने को कहा है ताकि आम आदमी अपनी बैंकिंग की आवश्यकताएं पूरी कर सके।

अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव दिया कि केंद्र भारतीय रिजर्व बैंक को प्रदेशों की प्राप्तियों में कमी के मद्देनजर कर्ज हासिल करने के तरीके सुझाये।

उन्होंने सुझाव दिया कि भारत सरकार राज्यों की एफआरबीएम अधिनियम के तहत कर्ज सीमा तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर सकती है।

उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार के सहकारी बैंकों द्वारा पहलकदमी की तर्ज पर कमर्शियल बैंकों को भी कृषि /फ़सलीय कर्ज पर तीन महीने का ब्याज माफ कर देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सैनटरी वर्करों और पुलिस मुलाजिमों के लिए इसी राह पर एकमुश्त विशेष बीमे की माँग की क्योंकि यह लोग भी कोविड-19 के विरुद्ध जंग में अगली कतार में होकर लड़ रहे हैं।

उन्होंने कोविड -19 के विरुद्ध लड़ाई लडऩे के लिए सेहत के बुनियादी ढांचे और कर्मचारियों के लिए 300 करोड़ रुपए के अनुदान देने की भी माँग की।

कैप्टन ने तालाबन्दी के मद्देनजऱ ग्रामीण लोगों की मुश्किलों घटाने के लिए 90:10 के अनुपात के हिसाब से तीन महीने के लिए प्रति महीना 15 दिन बेरोजगार भत्ते की अदायगी का प्रस्ताव रखा।

इसके अलावा उन्होंने मज़दूरों के मेहनताने की अदायगी के लिए छोटे और सीमांत किसानों को भी मनरेगा के अंतर्गत 10 दिन का भत्ता देने का सुझाव दिया।

राज्य सरकार की तरफ से गेहूँ की कटाई में देरी होने के बारे पहले ही किये ऐलान का हवाला देते हृुये मुख्यमंत्री ने गेहूँ की देरी से खरीद के लिए किसानों को बोनस देने के लिए कहा जिससे सामाजिक दूरी को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ मंडियों में भीड़-भाड़ को रोका जा सके।