Prabhat Times
जालंधर। (Congress Punjab Cabinet Expansion) पंजाब कैबिनेट के नए मंत्रियों की लिस्ट तैयार हो गई है। इसमें कैप्टन अमरिंदर के करीबी 5 मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई है। इसके अलावा 8 मंत्री वापसी करने वाले हैं। वहीं, नई कैबिनेट (Cabinet) में 6 नए मंत्री शामिल किए जाएंगे। मंत्रियों की लिस्ट फाइनल करने के बाद राहुल गांधी वापस शिमला पहुंच गए हैं। वह वहीं से दिल्ली बैठक करने के लिए आए थे। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी भी वापस पंजाब लौट चुके हैं। इसके बाद अब किसी भी वक्त मंत्रियों की सूची जारी की जा सकती है।

इन मंत्रियों की छुट्‌टी

कैप्टन की कैबिनेट (Cabinet) के साधु सिंह धर्मसोत, बलवीर सिद्धू, राणा गुरमीत सोढ़ी, गुरप्रीत कांगड़ और शाम सुंदर अरोड़ा शामिल हैं। इनमें से कुछ कैप्टन के करीबी हैं, जबकि कुछ पर घोटाले के आरोप हैं।

इन मंत्रियों की वापसी

पंजाब मंत्रीमंडल में मनप्रीत बादल, विजयेंद्र सिंगला, रजिया सुल्ताना, ब्रह्ममोहिंदरा, अरुणा चौधरी, भारत भूषण आशु, तृप्त राजिंदर बाजवा और सुख सरकारिया की वापसी हो रही है।

नए मंत्रियों में यह शामिल

मंत्री पद पाने वालों में अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, संगत सिंह गिलजियां, परगट सिंह, काका रणदीप सिंह नाभा, राजकुमार वेरका, कुलजीत नागरा, गुरकीरत कोटली और राणा गुरजीत शामिल हो सकते हैं। हालांकि अंतिम फैसला लिस्ट आने के बाद ही पता चलेगा।

3 बार बैठक, फिर भी फैसले पर पेंच

पंजाब कैबिनेट (Cabinet) के विस्तार को लेकर कांग्रेस हाईकमान कनफ्यूज है। 3 बार बैठक के बाद भी मंत्रियों की लिस्ट फाइनल नहीं हो सकी। राहुल गांधी के घर शुक्रवार रात फिर 2 बजे तक 4 घंटे मंथन चला। इसमें सबसे बड़ा खतरा अब कैप्टन अमरिंदर सिंह बने हुए हैं। हाईकमान इस बात से आशंकित है कि अगर पुराने मंत्रियों को हटाया तो वे कैप्टन के साथ मिल सकते हैं। इससे कैप्टन का ग्रुप मजबूत हो जाएगा। नई सरकार के खिलाफ भी बगावत शुरू हो जाएगी। चुनाव में करीब 3 महीने बचे हैं। बगावत हुई तो कांग्रेस को नुकसान होना तय है। बैठक में राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी, हरीश रावत, अजय माकन व केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे।

यहां फंसा पेंच

सिद्धू ग्रुप चाहता है कि कैप्टन के करीबी राणा गुरमीत सोढ़ी, शाम सुंदर अरोड़ा, गुरप्रीत कांगड़, साधु सिंह धर्मसोत, बलवीर सिद्धू और अरुणा चौधरी को कैबिनेट में न लाया जाए। इनमें अरुणा चौधरी चन्नी की करीबी रिश्तेदार हैं। इसलिए उनकी वापसी तय है। बाकी 5 मंत्री रहे नेता कैप्टन के खासमखास है।

संगठन और सरकार में पद पर भी असमंजस

सिद्धू CM नहीं बन सके, लेकिन उनके वर्किंग प्रधान कुलजीत नागरा व संगत सिंह गिलजियां मंत्री बनना चाहते हैं। परगट सिंह संगठन महासचिव हैं, लेकिन वे भी मंत्री पद की दौड़ में हैं। अगर इन्हें सरकार में लाया जाता है तो फिर उनके पास 2 पद हो जाएंगे। अगर इन्हें हटाया जाएगा तो संगठन कमजोर होगा। वैसे भी, अभी तक पूरे पंजाब में कांग्रेस का संगठन नहीं बना है, ऐसे में चुनाव में परेशानी हो सकती है। हालांकि इनके नाम लिस्ट में हो सकते हैं।

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