नई दिल्ली (ब्यूरो): खतरनाक कोरोना वायरस के संकट के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) खाताधारकों को राहत दी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि अगल तीन महीनों तक एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर दोनों के द्वारा किया जाने वाला ईपीएफ योगदान सरकार खुद करेगी।

इसका मतलब यह है कि कर्मचारी का  12 फीसदी और कंपनी के 12 फीसदी के ईपीएफओ में किए जाने वाले योगदान को अब सरकार भरेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि वे ऑर्गनाइजेशन या कंपनी जहां पर 100 से कम कर्मचारी हैं जिनमें 90 फीसदी का वेतन 15 हजार रुपये से कम हैं उन्हें इसका सीधा फायदा पहुंचेगा।

कोरोना वायरस के चलते लोगों को घरों से निकलने की इजाजत नहीं है। सरकार ने 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया है।

गरीबों को इस लॉकडाउन के चलते वित्तीय तौर पर पेरशानी न हो इसके लिए सरकार ने यह घोषणा की है। इसके अलावा सीतारमण ने ईपीएफ निकासी में ढील का एलान किया है।

अब ईपीएफ खाताधारक कुल जमा रकम का 75 फीसदी या तीन महीने की सैलरी (दोनों में से जो कम हो) निकाल सकते हैं। इस पैकेज के तहत 3 करोड़ बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेंशन में 1,000 रुपये का इजाफा किया गया है।

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

इसके अलावा वे महिलाएं जिनके पास जन-धन खाता हैं उन्हें अगले तीन महीने तक 500-500 रुपए दिए जाएंगे। सरकार ने कहा है कि इससे देश की 20 करोड़ महिला खाताधारकों को सीधे फायदा पहुंचेगा।