जालंधर (ब्यूरो): कोरोना वायरस के कारण हर तरफ सहम का माहौल है। हालांकि सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन आज भी विभाग की कथित लापरवाहियों के कारण लोगों को कोरोना नेगेटिव, पोज़िटिव की उलझन के कारण कई परिवारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ऐसा ही एक मामला जालंधर के गुजराल नगर से सामने आया है। सेहत विभाग की कथित लापरवाही के कारण लॉकडाउन के दौरान विदेश से लौटे जालंधर के प्रतिष्ठत शू कारोबारी व उनके परिवार को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।

जूता व्यापारी तरूण सुनेजा ने बताया कि लॉकडाउन से पहले 4 मार्च को वे उनकी पत्नी शीबा सुनेजा, बेटा आदि आस्ट्रेलिया गए। उन्होने 28 मार्च को वापस लौटना था। लेकिन लॉकडाउन के कारण वे वापस नहीं लौट सके।

काफी जद्दोजहद के बाद 20 जून को वे परिवार सहित वापस लौट सके। नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के पश्चात वे जालंधर पहुंचे। कोविड 19 नियमों के मुताबिक उनके परिवार का कोरोना टेस्ट लिया गया।

तरूण सुनेजा ने बताया कि सेहत विभाग की अनुमति से वे उनकी पत्नी व बेटा गुजराल नगर में ही स्थित दूसरी कोठी में क्वारंटाइन हो गए। सेहत विभाग के अधिकारियों ने खुद विज़िट करके इसकी अनुमति दी।

एक दिन बाद जब उन्हें कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दी गई तो उनको होश उड़ गए। क्योंकि उनकी पत्नी शीबा सुनेजा की रिपोर्ट पोज़िटिव बताई गई जबकि उन दोने की नेगेटिव। ये सुनते ही सारे परिवार में सहम बन गया। परिवार का हर सदस्य तनाव में रहा।

क्योंकि शीबा सुनेजा को कोई परेशानी नहीं थी और न ही कोरोना वायरस का कोई लक्ष्ण। लेकिन रिपोर्ट पोज़िटिव आने के कारण सारा परिवार परेशान था। तरूण सुनेजा ने बताया कि उन्होने शुक्रवार को प्राईवेट लैब से कोरोना टेस्ट दोबारा करवाया।

एक दिन बाद शनिवार रात को मिली रिपोर्ट में शीबा सुनेजा का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है। शीबा सुनेजा की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने से परिवार ने सुख की सांस ली है।

सेहत विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल!

इस मामले में सेहत विभाग की कार्यप्रणाली एक बार सवालों के घेरे में हैं। हैरानीजनक तथ्य ये ही के सिर्फ दो दिन के अंतराल में हुए दो टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव पोज़िटिव कैसे आ सकती है।