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नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर से कोहराम मचा हुआ है. सरकार ने वैक्सीनेशन की रफ्तार भी तेज कर दी है. इस बीच कई राज्यों ने वैक्सीन की डोज की शॉर्टेज की शिकायत की है. जिसके बाद राज्य सरकारों और केंद्र के बीच तकरार जैसी स्थिति हो गई है. महाराष्ट्र, हरियाणा और ओडिशा समेत कई राज्यों ने दावा किया है कि उनके यहां वैक्सीन की कमी हो गई है.
महाराष्ट्र के मुंबई, सतारा-सांगली में वैक्सीन सेंटर ठप हो गए हैं. वहीं, ओडिशा ने भी केंद्र सरकार से वैक्सीन डोज की मांग की है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि राज्य में अब सिर्फ 4-5 दिन का स्टॉक रह गया है.
लिहाजा वैक्सीन की खुराक भेजी जाए. हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्यों के इस दावे को बेबुनियाद बताया है. केंद्र का कहना है कि देश में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की खुराक है. इसलिए राज्य सरकारें मामले को लेकर राजनीति न करें.

आइए जानिए देश में किन पांच राज्यों में वैक्सीन की कमी है:-

दिल्ली:- दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र के आरोपों को लेकर कहा कि हम भी यह कह सकते हैं कि दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में ही वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है.
केंद्र के अस्पतालों में सिर्फ 30-40 फीसदी वैक्सीनेशन हुआ है, इसी वजह से दिल्ली के आंकड़ों में कमी है. लेकिन ये वक्त लड़ने का नहीं, साथ में काम करने का है.
महाराष्ट्र:- महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि राज्य के पास कोरोना टीके की 14 लाख खुराक ही बची हैं, जो तीन दिन ही चल पाएंगी और टीकों की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं.
ऐसे टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे लोगों को वापस भेजा जा रहा है, क्योंकि टीके की खुराकों की आपूर्ति नहीं हुई है. हमें हर हफ्ते 40 लाख खुराकों की जरूरत है. इससे हम एक सप्ताह में हर दिन छह लाख खुराक दे पाएंगे.
ओडिशा:- ओडिशा के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के अवर मुख्य सचिव पीके महापात्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर राज्य में टीकाकरण सुचारू ढंग से चलाने के लिए कोविशील्ड की 15-20 लाख खुराक देने का अनुरोध किया है.
उन्होंने कहा कि राज्य में उपलब्ध भंडार और टीकाकरण की गति के हिसाब से केवल तीन दिन के लिए और खुराक बची हैं.
नोएडा-गाजियाबाद:- राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में भी अब वैक्सीन का स्टॉक घट रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजियाबाद के पास वैक्सीन की 12 हजार और नोएडा के पास 13 हजार खुराक ही बची हैं.
गाजियाबाद को वैक्सीन की हाल ही में पांच हजार खुराक ही मिल पाईं. नोएडा में वैक्सीन की कमी के बाद अब टीकाकरण केंद्रों की संख्या 41 रह गई है.
इसके साथ ही छत्तीसगढ़, तेलंगाना और हरियाणा में भी अब कोरोना वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो रहा है. यहां की सरकारों ने केंद्र से बड़ी मात्रा में वैक्सीन देने की अपील की है.

केंद्र सरकार ने क्या कहा?

वैक्सीन की कमी की शिकायत करने वाली महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सरकारों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आड़े हाथों लिया है. साथ ही वैक्सीनेशन कराने में फेल दिख रही पंजाब और दिल्ली सरकार की भी खिंचाई की. डॉ. हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र सरकार के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि देश में कहीं भी वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. महाराष्ट्र सरकार बार-बार अपनी गलतियों को दोहरा रही है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गलतियां दोहराने के चलते महाराष्ट्र में हालात खराब हुए. अब वहां की सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए हम पर आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि जो भी राज्य वैक्सीन कमी की बात कर रहे हैं वे राजनीतिक रूप से लोगों को डराने का काम कर रहे हैं.

राज्य सरकारों को पत्र भी लिखा

महाराष्ट्र सरकार को लिखी चिट्‌ठी में कहा गया है कि राज्य में केंद्र सरकार की तरफ से 1 करोड़ 6 लाख 19 हजार 190 वैक्सीन की डोज भेजी गई थी. इनमें से केवल 90 लाख 53 हजार 523 टीकों का इस्तेमाल हुआ है. बाकी वैक्सीन की डोज अभी भी बची है. ऐसे में वैक्सीन की कमी का आरोप बिल्कुल गलत है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने केवल 86% हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी. दिल्ली में 72% और पंजाब में केवल 64% स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई गई. दूसरी ओर 10 अन्य राज्य और केंद्र शासित राज्यों में 90% से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इसी तरह फ्रंट लाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन लगाने में ये तीनों सरकार फेल रही हैं.

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