Prabhat Times
नई दिल्ली। देश में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामले को देखते हुए अब वैक्‍सीन (Vaccine) के तीसरे डोज की तैयारी चल रही है. कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) के तीसरे डोज को ‘बूस्‍टर डोज’ कहा जा रहा है.
एक्‍सपर्ट के एक पैनल ने भारत बायोटेक की वैक्‍सीन कोवैक्‍सीन के तीसरे डोज को इजाजत दे दी है. बताया जा रहा है कि बूस्‍टर डोज को दूसरे डोज के 6 महीने बाद दिया जाएगा. इस तीसरे डोज को इसलिए देने की तैयारी है, जिससे लोगों को कोरोना के नए स्‍ट्रेन से बचाया जा सके.
एक्‍सपर्ट पैनल ने बायोटेक की वैक्‍सीन कोवैक्‍सीन के तीसरे डोज की इजाजत देते हुए कहा कि बूस्‍टर डोज उन लोगों को पहले दिया जाना चाहिए जो उसके क्लीनिकल ट्रायल का हिस्सा रहे हैं. पैनल को जानकारी दी गई है कि बूस्‍टर डोज के बाद शरीर की इम्‍यूनिटी कई सालों के लिए बढ़ जाएगी, जिससे कोरोना वायरस में अगर किसी तरह का बदलाव आता भी है तो उसका असर नहीं होगा.
सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने बूस्टर डोज को इजाजत देते हुए कहा कि इसका इस्‍तेमाल सेकेंड फेज के क्लीनिकल ट्रायल वाले वॉलंटियर्स पर किया जाए. बता दें कि इन वॉलेंटियर्स को 6 माइक्रोग्राम की दो डोज पहले ही दी जा चुकी है. भारत बायोटेक इन वॉलेंटियर्स को तीसरा बूस्टर डोज देने के बाद छह महीने तक उन पर नजर रखेगी. इस दौरान वॉलेंटियर्स के शरीर में होने वाले बदलाव और इम्‍यूनिटी के घटने और बढ़ने पर नजर रखी जाएगी.
इस दौरान ये भी जांच की जाएगी कि अगर कोरोना का कोई नया स्‍ट्रेन आता है तो वैक्‍सीन उस पर किस तरह से काम करती है. इसके साथ ही बूस्‍टर डोज से शरीर पर होने वाले साइड इफेक्ट्स की भी जांच की जाएगी. इन वॉलेंटियर्स को बूस्‍टर डोज मिलने के बाद जो रिपोर्ट आएगी उसे सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी के सामने रखा जाएगा.
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