Prabhat Times
जालंधर। (DAV University) देश-विदेश से सम्बद्ध विभिन्न सोशल साइंटिस्ट्स ने लोगों और समाज के बदलते प्रतिमानों पर विचार-विमर्श किया। ऑनलाइन मोड में हुयी इस कांफ्रेंस का आयोजन डीएवी यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी विभाग और अंग्रेजी विभाग द्वारा सयुंक्त रूप से किया गया।
इस कांफ्रेंस का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वाईस-चांसलर डॉ जसबीर ऋषि ने किया। इसके मुख्य अतिथि, डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति (डीएवी सीएमसी), नई दिल्ली के उपाध्यक्ष डॉ रमेश के आर्य थे।
डॉ रमेश के आर्य ने इस पहल की सराहना की और कहा कि अनुसंधान अकादमिक संस्थानों की स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। शोधकर्ताओं को इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक और सामाजिक सेट अप की बदलती गतिशीलता के साथ तालमेल रखना चाहिए।
डॉ आर के सेठ, कार्यवाहक डीन एकेडमिक्स ने मुख्य वक्ता डॉ पॉल टी कोरिगनन, सहायक प्रोफेसर, टैम्पा विश्वविद्यालय और रिसोर्स परसन, नमिता कंधोला का परिचय कराया। नमिता वैंकूवर, कनाडा में कंसल्टिंग साइकोलोजिस्ट हैं। कांफ्रेंस आठ समानांतर सत्रों में आयोजित किया गया।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों और देशों से सौ से अधिक पार्टीसिपंट्स शामिल हुए और अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। विभिन्न सत्रों के अध्यक्षों में डॉ रुबल कनौजिया (केंद्रीय विश्वविद्यालय, पंजाब), डॉ सुनील कुमार (सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार), डॉ सुदीप अहलावत (सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ हरियाणा), डॉ रमेश सिंह (नागालैंड विश्वविद्यालय) और डॉ नवदीप सिंह तुंग (जीएनडीयू, अमृतसर)।
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ के एन कौल ने कहा कि इस तरह के आयोजन शिक्षाविदों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। उन्होंने कांफ्रेंस में धन्यवाद प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया।

चांसलर डॉ पूनम सूरी ने भेजा आशीर्वाद

जानेमाने शिक्षाविद और डीएवी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ पूनम सूरी ने सम्मेलन के लिए अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद भेजा। कार्यवाहक कुलपति डॉ जसबीर ऋषि ने कहा कि डॉ सूरी ने विभिन्न स्टेक-होल्डर्स के बीच अनुसंधान और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में यूनिवर्सिटी के प्रयासों की सराहना भी की।
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