Prabhat Times
जालंधर। डीएवी यूनिवर्सिटी (DAV University) के डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चर साइंस द्वारा एक इंटरैक्टिव सेशन का आयोजन किया गया, जिसमें सरकार द्वारा कोविड 19 के मददेनजर निर्धारित किए गए निर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया।
इस सेशन में डॉ. सुरिंदर सिंह (मुख्य कृषि अधिकारी, जालंधर), डॉ सुखदीप सिंह (सहायक निदेशक बागवानी, जालंधर), एग्रीकल्चर इंजीनियर नवदीप सिंह और जगजीत सिंह (प्रगतिशील किसान, जालंधर) ने अपने अपने विचार रखे। डॉ आशुतोष शर्मा, सहायक प्रोफेसर एफएएस ने औपचारिक रूप से प्रतिभागियों के लिए मेहमानों का परिचय दिया।
डीएवी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आफिसिएटिंग डॉ जसबीर ऋषि ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें डीएवी विश्वविद्यालय के बारे में बताया जो शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़े गैर-सरकारी संगठन का एक हिस्सा है। उन्होंने उन्हें कृषि विज्ञान विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में भी अवगत कराया।
सेशन के दौरान, डॉ सुरिंदर सिंह ने उत्पादन लागत को कम करने के लिए कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों को विकसित करने पर जोर दिया ताकि किसान कृषि आय को अधिकतम कर सकें।
उन्होंने उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छी किस्मों को विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कृषि समुदाय की समस्याओं को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए सुदृढ़ मानव संसाधन विकसित करने के लिए कृषि में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व का सुझाव दिया।
डॉ. सुखदीप सिंह हुंदल ने पंजाब में बागवानी उत्पादन और मधुमक्खी पालन की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने किसानों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के साथ-साथ बागवानी में नई पहल जैसे साइट्रस एस्टेट्स, इजराइल और डच सहायता के साथ उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना, फलों और सब्जियों के कटाई के बाद प्रबंधन और किसानों को प्रशिक्षण और एक्सपोजर यात्राओं के बारे में भी बताया।
जगजीत सिंह ने कक्षा सीखने और व्यावहारिक क्षेत्र सीखने के बीच के अंतर को कम करने के लिए छात्र-किसान बातचीत के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथियों ने किसानों और कृषि स्नातकों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी से संबंधित सदस्यों द्वारा उठाए गए प्रश्नों के जवाब भी दिए।
उन्होंने भविष्य में कृषि विज्ञान संकाय की प्रगति के लिए अपने सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान मुख्यअतिथियों को यूनिवर्सिटी पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित भी किया गया। यूनिवर्सिटी के डीन अकादमिक आफिसिएटिंग डॉ. आर.के. सेठ ने ने इंटरैक्टिव सत्र के समापन पर धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

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