Prabhat Times
जालंधर। (Sanjeevani Hospital Demonstration) इस समय की बड़ी खबर जालंधर से है। सड़क दुर्घटना के एक मामले में लापरवाही पूर्ण रवैया अपनाने तथा मृतक के परिजनों के साथ र्दुव्यवहार करने का आरोप लगाते हुए मृतक के परिजनों ने जालंधर के वर्कशाप चौक के निकट स्थित संजीवनी अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल के डाक्टर पर एक्सीडैंट करने के आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक जिला मोगा के चक्क सिंह पुरा निवासी बलविन्द्र सिंह का आज सुबह शाहकोट के निकट एक्सीडैंट हो गया। बलविन्द्र सिंह प्राईवेट कंपनी में सिक्यिरोटी गार्ड है। एक्सीडैंट के पश्चात गाड़ी चालक बलविन्द्र को घायलावस्था में लेकर दुर्घटनास्थल से जालंधर के वर्कशाप चौक के निकट स्थित संजीवनी अस्पताल ले आया।
कुछ देर बाद बलविन्द्र के परिजनो को जब एक्सीडैंट का पता चला तो वे ढूंढते हुए संजीवनी अस्पताल पहुंच गए। मृतक के गांव से आए सरपंच परमजीत सिंह, गुरमेल सिंह, मृतक के भाई चरणजीत सिंह ने बताया कि वे अस्पताल पहुंचे तो डाक्टर कुलदीप सिंह द्वारा उनके साथ र्दुव्यवहार किया गया। जब उनसे पूछा कि बलविन्द्र को अस्पताल कौन लाया तो उन्हें ये जवाब मिला कि उन्हें नहीं पता, कोई व्यक्ति उसे यहां छोड़ गया।
बलविन्द्र जब अस्पताल में लाया गया तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। चरणजीत व अन्य परिजनों का आरोप है कि डाक्टर कुलदीप ने उन्हें बताया कि जिस व्यक्ति ने एक्सीडैंट किया है उसका उन्हें फोन आया है कि वे थाना धर्मकोट मे पेश हो चुका है।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में बलविन्द्र को लाने के समय अस्पताल स्टाफ द्वारा उसे लाने वाले की कोई ऐंटरी नहीं की।
परिजनों ने बताया कि जब उन्होने अस्पताल में लगे सी.सी.टी.वी. फुटेज चैक करवाने को कहा तो पहले इंकार किया गया, लेकिन बाद में जब चैक की तो देखा गया कि बलैरा पिकअप गाड़ी में घायल बलविन्द्र को अस्पताल लाया गया और वो गाड़ी लगभग 30-40 मिनट अस्पताल के बाहर रही।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि हैरानीजनक बात है कि बलविन्द्र को शाहकोट से वर्कशाप चौक के निकट संजीवनी अस्पताल ही क्यों लाया गया, जबकि शाहकोट से जालंधर मेन रोड़ पर ही कई अस्पताल हैं।
आरोप है कि एक्सीडैंट करने वालों और अस्पताल प्रबंधन के बीच मिलीभगत है। लोगों ने अस्पताल के बाहर यातायात अवरूद्ध कर प्रदर्शन शुरू किया है। लोगों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव देने के लिए भी डेढ लाख की मांग की गई। सूचना मिलते ही संबंधित थाना की पुलिस मौके पर पहुंची।
बातचीत के दौरान कुछ अन्य लोगों की मध्यस्थता के चलते अस्पताल प्रबंधन ने शव पीड़ित परिवार के हवाले कर दिया। जिसके पश्चात लोग शांत हुए। उधर, इस बारे में अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कोई स्टेटमैंट नहीं मिली है। अस्पताल प्रबंधन का पक्ष आते ही प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।
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