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प्रीत सूजी

चंडीगढ़। (DGP Punjab Order) पंजाब पुलिस में तबादलों के बाद अब पुलिस अधिकारी अपने चहेते एस.एच.ओज़. को अपनी मर्जी से दूसरी जगह नहीं ले जा पाएंगे। अगर अधिकारी वाकई में चहेते स्टाफ को साथ रखना चाहते हैं तो उन्हें अधिकारिक तौर पर उनकी ट्रांसफर करवानी होगी। पंजाब के डी.जी.पी. द्वारा आदेश जारी करके अधिकारिक ट्रांसफर के बिना अपने अधिकारियों के साथ काम में लगे सारे स्टाफ को तुरंत वापस अपनी तैनाती वाले जिलों में रिपोर्ट करने के आदेश जारी किए हैं।
सर्वविदित है कि जब भी किसी बड़े अधिकारी की ट्रांसफर होती है तो वे अपने साथ अपनी चहेती टीम के एस.एच.ओज़ और स्टाफ भी उनके साथ दूसरे जिले में साथ ले जाते हैं। कई मामलों में तो उक्त एस.एच.ओज़ की अधिकारिक तौर पर ट्रांसफर होती है तो वे अपनी टीम को साथ ही दूसरे जिले में ले जाते हैं।

गृह मंत्री के संज्ञान लेने पर हुआ एक्शन

अति सुविज्ञ सूत्रों से पता चला है कि इस मामले की जानकारी पंजाब के गृह मंत्री डिप्टी सी.एम. सुखजिन्द्र सिंह रंधावा तक पहुंची थी। डिप्टी सी.एम. को बताया गया कि कई अधिकारियों द्वारा नैक्सेस बनाया हुआ है, वे जहां भी ट्रांसफर होते हैं अपने साथ चहेती टीम को ले जाते हैं और वे दूसरे जिलों में मलाईदार सीटों पर फिर से काम करते हैं। कई मामलों में तो अधिकारी अपने चहेतों की ट्रांसफर अधिकारिक तौर पर करवाते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में अपने रसूख के इस्तेमाल से ही नियमों का उल्लंघन करते हैं। ऐसे हालात मे पहले से ही उक्त जिला में तैनात एस.एच.ओज़ इत्यादि को अपनी ट्रांसफर करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए डिप्टी सी.एम. सुखजिन्द्र रंधावा ने इस कथित नैक्सेस को तोड़ने के आदेश दिए।

ये हैं आदेश

डिप्टी सी.एम. के आदेश के पश्चात डी.जी.पी. पंजाब द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अधिकारियों की ट्रांसफर के साथ उनके साथ गए एन.जी.ओज़ तुरंत वापस अपने जिला या यूनिट में रिपोर्ट करें, जहां अधिकारिक तौर पर तैनाती है। आदेशों में अधइकारियों की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को फिलहाल इस आदेश से छूट दी गई है।

ऐसे उठा मामला

अति सुविज्ञ सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि पिछले समय में राज्य में एक वरिष्ठ अधिकारी की ट्रांसफर हुई। वे अपने साथ ही दफ्तर का लगभग पूरा स्टाफ अपने साथ ही दूसरे जिला में ले गए और उनकी तैनाती कर दी। जबकि कईयों की ट्रांसफर भी अधिकारिक तौर पर नहीं हुई थी। ऐसी स्थिति में उक्त जिला में पहले से तैनात कर्मचारियों में रोष हुआ और बात निकलते निकलते ऊपर तक पहुंच गई।

पढ़ें डीजीपी के आदेश

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