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चंडीगढ़। (dgp took action police employees including inspector) गैंगस्टर, ड्रग और भ्रष्टाचार खत्म करने के ईरादे से काम कर रही डीजीपी गौरव यादव ने पंजाब पुलिस के एक इंस्पैक्टर सहित तीन कर्मचारियों पर बड़ा एक्शन लिया है।
सोमवार को पंजाब के DGP गौरव यादव ने पुलिस के तीन कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाने पर बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त होने वालों में एक इंस्पेक्टर, एक एएसआई और हेड कॉन्स्टेबल है।
तीनों पुलिस कर्मचारियों ने दो युवकों को नशा तस्करी और ड्रग मनी के झूठे केस में फंसा दिया था।
बर्खास्त पुलिस कर्मचारियों में इंस्पेक्टर परमिंदर सिंह बाजवा, एएसआई अंग्रेज सिंह और हेड कॉन्स्टेबल जोगिंदर सिंह है। ये मामला फिरोजपुर का है। ये तीनों आरोपी एंटी नारकोटिक कंट्रोल सेल में तैनात थे।
आरोपी पुलिस कर्मचारियों ने दो युवकों को नशा तस्करी के झूठे केस में फंसाया और उनसे बड़ी रकम वसूलने की कोशिश की, लेकिन समय रहते मामले पुलिस के उच्चाधिकारियों के ध्यान में आ गया और आरोपी पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई हो गई।
इंस्पेक्टर बाजवा को फिरोजपुर जनरल ऑफ पुलिस ( IGP) जसकरन सिंह ने बर्खास्त किया है। वहीं एएसआई अंग्रेज और हेड कॉन्स्टेबल जोगिंदर को SSP विजिलेंस सुरिंदर लांबा ने बर्खास्त किया है।
जानकारी देते हुए पंजाब DGP गौरव यादव ने कहा इंस्पेक्टर बाजवा, एएसआई अंग्रेज और हेड कॉन्स्टेबल जोगिंदर की अगुवाई में एंटी नारकोटिक सेल फिरोजपुर की टीम ने कई अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ मिल कर 20 जुलाई 2022 को दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था।

1 किलो हेरोइन और 5 लाख पैसे बरामद

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर 1 किलो हेरोइन और 5 लाख पैसों की बरामदगी दिखा उन्हें झूठा नशा तस्करी के केस में फंसाया था। वहीं दोनों व्यक्तियों पर इंस्पेक्टर बाजवा द्वारा थाना फिरोजपुर छावनी में NDPS एक्ट की धाराओं सहित एफआईआर दर्ज की गई थी।

बरामदगी पर पहले ही संदेह हो गया था

DGP यादव ने बताया कि SSP फिरोजपुर को इस बरामदगी पर पहले ही संदेह हो गया था। उन्होंने इस मामले में अपने स्तर पर जांच शुरू की तो एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कुछ पुलिस मुलाजिमों द्वारा उसके कर्मचारी के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई है।

दो व्यक्तियों को झूठे मामले में फंसाया

SSP की जांच में सामने आया कि आरोपी पुलिस मुलाजिमों ने पूरी कहानी बनाकर दो व्यक्तियों को झूठा मामले में फंसाया है और पैसे हड़पने की नीयत से गलत मामला दर्ज किया है। आरोपी पुलिस कर्मचारी इस मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सके।

पुलिस में कई काली भेड़े हैं

इसके बाद वह कुछ समय के लिए फरार भी रहे। इस कारण पुलिस का संदेह बढ़ गया। आरोपियों पर पुख्ता सबूतों के साथ सोमवार को कार्रवाई की गई है। DGP गौरव यादव ने कहा कि पुलिस में कई काली भेड़े है जिन्हें सहन नहीं किया जाएगा। इन काली भेड़ों की पहचान कर सख्त कार्रवाई का जाएगी।

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