Prabhat Times
मुंबई। डीसी डिजाइन के फाउंडर और मशहूर कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया (Dilip Chhabria) को धोखाधड़ी के आरोप में मुंबई पुलिस (Mumbai Crime Branch) की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की माने तो इस मामले में और भी आरोपी गिरफ्तार हो सकते हैं।
गिरफ्तारी की यह कार्रवाई मुंबई क्राइम ब्रांच की सीआईयू यूनिट ने की है। सीआईयू के सचिन वजे की टीम ने दिलीप छाबड़िया को अंधेरी के एमआईडीसी इलाके से गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120 बी और 34 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।
दरअसल, क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि दो सीटर स्पोर्ट्स कार डीसी अवंती नरीमन प्वाइंट के होटल ट्राइडेंट के पास आने वाली है लेकिन उस दिन वो कार वहां नहीं पहुंची.
मगर अगले दिन यानी 18 दिसंबर को पुलिस को टिप मिली कि कार ताजमहल होटल, कोलाबा में आने वाली है. पुलिस ने वहां जाल बिछाया और कार के आते ही उसे कब्जे में ले लिया.
कार के मालिक ने दावा किया कि उसके दस्तावेज बिल्कुल सही हैं. हालांकि जांच के दौरान पाया गया कि हरियाणा में एक ही इंजन और चेसिस नंबर वाली दूसरी कार मौजूद है.
कार के मॉडल डीसी अवंती को औपचारिक प्रमाणन के बाद 2016 में लॉन्च किया गया था. डीसी अवंती स्पोर्ट्स कार के इस मॉडल का उत्पादन पुणे के प्लांट में किया गया था.

एक ही नंबर और चेसिस की गाड़ियां बनाने का आरोप

पुलिस ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मशहूर कार डिज़ाइनर दिलीप छाबड़िया एक ही नंबर के रेजिस्ट्रेशन और चेसिस नंबर की कई गाड़ियां बना रहे थे।
इतना ही नहीं वे कई NBFC बैंकों से वो अपनी ही बनाई गाड़ियां खुद ही ग्राहक बनकर खरीद भी रहे थे।
जिसके बाद उसे तीसरी पार्टी को बेच रहे थे। अब तक कि जांच में पुलिस ने पाया है कि ऐसी 127 गाड़ियां अब तक बेची गई हैं। जिसमें से करीब 90 गाडियां जाँच के दायरे में हैं।
गाड़ियों में लगे इम्पोर्टेड इंजन की भी जांच की जा रही है कि क्या इसे खरीदते समय लगने वाले टैक्स को बचाने की कोशिश की गई है या नहीं।
क्राइम ब्रांच को शक है कि यह सब जीएसटी और दूसरे टैक्स को बचाने के लिए किया गया हो सकता है।

चीटिंग और फॉर्जरी का मुकदमा हुआ दर्ज

मुंबई क्राइम ब्रांच के जॉइंट सीपी मिलिंद भारंबे ने बताया कि इंडिया की पहली स्पोर्ट्स कार डीसी अवंती से संबंधित मामले में चीटिंग और फॉर्जरी केस दर्ज हुआ है। एक सूचना मिली थी कि इस तरह की कार ताज होटल के पास आने वाली है।
जब गाड़ी को पकड़ा गया तो सेम नंबर की गाड़ी तमिलनाडु और हरियाणा में भी निकली। जिसके बाद जांच शुरू हुई।
डीसी डिजाईन प्राइवेट लिमटेड कंपनी ने सेम इंजन नंबर और चेचिस नंबर की गाडियां कई लोगों को बेंची हैं।
कंपनी ने 127 गाड़ियों की मैन्यूैक्चरिंग की है। जिसमें से 90 गाडियां बेची हैं। खास बात यह है कि इसमें जिस कंपनी ने गाड़ी बेची है उसी ने फिर बाद में खरीदा भी है। कई मल्टीनेशनल कंपनियों से लोन लेने की बात भी सामने आई है।

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