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जालंधर। (DIPS Children celebrated Nelson Mandela Day) विश्व में रंग भेद के खिलाफ अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले महान शख्स नेल्सन मंडेला की याद में डिप्स स्कूल टांडा में विश्व नेल्सन मंडेला डे मनाया गया।
इस मौके पर बच्चों ने उनके महान जीवन को याद करते हुए पीपीटी और पोस्टर बना कर सबको इस के बारे में जानकारी दी।
बच्चो ने बताया कि उनके जीवन में उन्हें 250 से अधिक देशो और संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया।
इन्हें साउथ अफ्रीका का गांधी कहा जाता है क्योंकि वह गांधी जी से काफी प्रेरित थे और अहिंसा प्रेम के रास्ते पर चलने पर विश्वास रखते थे।
उन्होंने अपनी जीवन में कई तरह की मुश्किलों का सामना किया और कई बार जेल में भी गए।
बच्चों ने बताया कि उन्हें जातिवाद से बहुत नफरत है क्योकि यह किसी भी देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा है।
उनके कार्यों और संघर्ष के लिए शांति नोबल पुरस्कार, भारत रत्न, गांधी शांति पुरस्कार, प्रेजिडेंट मैडल आफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया था।
टीचर्स ने जानकारी दी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र के लिए संघर्ष और दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देने में इनके योगदान को याद करते हुए यह दिन मनाया जाता है।
उनके अनुसार शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है, जब एक व्यक्ति शिक्षित है तो वह दुनिया में कुछ भी हासिल कर सकता है।
प्रिंसिपल दिव्या चावला ने कहा कि अफ्रीका में लोग उन्हें मदीबा कहते है जो किसी बुजुर्ग के लिए गर्व की बात है। मदीबा का अर्थ पिता भी होता है।
उनका मानना था कि दुनिया की हर विपत्ति का सामना शांति के साथ किया जा सकता है।
एक अच्छा दिमाग और दिल हमेशा एक अच्छी जोड़ी है, जब इन दोनों के साथ मिलकर जब कोई काम किया जाता है तो हमें उसमें जरूर जीत हासिल होती है।

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