Prabhat Times
जालंधर। (DIPS Institute Jalanadhar) हर बच्चे को जीवन में कुछ अलग करने और बनने का सपना होता है यह सपना ना केवल हर बच्चे का बल्कि उसके माता-पिता और परिवार का भी होता है। इन सभी सपनों को पूरा करने का एक ही तरीका है और वह है अच्छी शिक्षा। शिक्षा के क्षेत्र में डिप्स चेन ऑफ इंस्टीच्यूशन का नन्हा पौधा अब एक वटवृक्ष का रूप ले चुका है, जो बच्चों में नई ऊर्जा भरता है, सपना देखने का अवसर होता है और साकार करने का माध्यम बनता है और फिर उन सपनों को साकार करने के लिए बच्चों का हाथ पकड़ कर मंजिल तक पहुंचाने के नए आयाम दिखाता है।
डिप्स चेन के पूर्व चैयरमैन सरदार गुरबचन सिंह ने विभाजन के बाद पंजाब आकर गांव ढिलवां से अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की और इसके बाद उन्होंने पूरे विश्वास और दूरगामी सोच के साथ ढिलवां गांव में डिप्स संस्थान का पौधारोपण किया। सरदार गुरबचन सिंह के बाद एमडी सरदार तरविंदर सिंह ने बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर इस संस्थान को न केवल संभाला अपितु अधिक प्रगति के नए मुकाम पर पहुंचाया। अब विदेश से अपनी शिक्षा पूरी करके भारत वापिस आए एमडी सरदार तरविंदर सिंह के बेटे सीएओ रमनीक सिंह और जशन सिंह अपनी नई और आधुनिक सोच के साथ डिप्स को संगठित करके उसमें नई ऊर्जा का प्रवाह कर रहे है।

डिप्स में अपनाई जा रही आधुनिक शैक्षिक रणनीतियां – रमनीक सिंह

सीएओ रमनीक सिंह का मानना है कि आधुनिक शैक्षिक रणनीतियों को अपना कर शिक्षा के स्तर को एक नए मुकाम पर पहुंचाया जा सकता है, जिसके लिए विदेशी और भारतीय दोनो शिक्षण शैलियों का सुमिश्रण डिप्स में अपनाया जा रहा है। विद्यार्थी हमारे देश की आने वाली युवा पीढ़ी है इसलिए उनका सही मार्गदर्शन करना अति आवश्यक है।

प्रैक्टिल शिक्षा को दी जाती है पहल – जशन सिंह

जशन सिंह का कहना है कि शिक्षा को रोचक बनाना बहुत ही जरूरी है ताकि विद्यार्थी हर विषय को आसानी से समझ सकें। इसलिए विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए नए रोचक गतिविधियां स्कूल में करवाई जाती है ताकि विद्यार्थी हर विषय को उत्साहित हो कर सीख सकें। विद्यार्थियों को किताबी शिक्षा के साथ प्रैक्टिल शिक्षा को भी पहल दी जाती है।

नई टैक्नोलाजी के साथ विद्यार्थियों को किया जाता है शिक्षित

ग्लोबली स्तर पर भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए स्कूलों में नई टेक्नोलाजी जैसे की इंट्रैक्टिव बोर्ड और अबेक्स के माध्यम से पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही उनके सम्पूर्ण विकास के लिए लेखन व मौखिक, डांस प्रतियोगिताएं, विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं, क्विज, डोमिनो चैलेंज, गो फार ग्रीन, आर्टिकल राइटिंग, डिबेट, भाषण प्रतियोगिता, योगा, कुकिंग विदाउट फायर, स्टेज शो, आर्ट गैलरी एग्जिबीशन, रूबिक क्यूब आदि गतिविधियों के साथ विभिन्न स्किल्स भी सिखाए जाते है। डिप्स के बच्चे ने केवल सीबीएसई, पीएसईबी और यूनिवर्सिटी परीक्षाओं में अव्वल रहते है बल्कि सहोदया, इंटर डिस्ट्रिक, इंटर स्टेट और नैशलन खेल प्रतियोगिता, नैशनल सेमीनार प्रतियोगिता में भी कई पुरस्कार जीत चुके हैं।

सहोदया प्रतियोगिताओं में जीते 665 मैडल

डिप्स के विद्यार्थियों ने गत वर्षों में खेल के मैदानों पर इतिहास रचा है। गत वर्ष कुल 665 मैडलों के साथ डिप्स के होनहार छात्रों ने अपना लोहा मनवाया। डिप्स सुरानुस्सी की सरस्वती, खुशबू और प्रिंस ने दिल्ली के तालकतोरा स्टेडियम में इंटरनेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता में सिल्वर मैडल जीते। नेशनल शॉटपुट में अर्शप्रीत, जैवलिन थ्रो में जसप्रीत ने गोल्ड मेडल, सीबीएससी नैशनल एथलेटिक्स में जोबन सिंह बेस्ट एथलीट रहा, कुलजीत ने नैशनल वुशु में सिल्वर मैडल जीता।
सहोदया इंटर स्कूल प्रतियोगिताओं में वाद-विवाद मुकाबले में डिप्स टांडा को मिली ओवरऑल ट्राफी, पोस्टर मेकिंग में डिप्स अर्बन एस्टेट प्रथम, ताइक्वांडो में डिप्स भोगपुर रहा प्रथम, स्विमिंग में डिप्स सुरानुस्सी ने पदक जीता और सहोदया प्रतियोगिताओं में डिप्स अर्बन एस्टेट माइम में अव्वल रहा।

पंजाब स्कूल गेमज़ में 28 गोल्ड, 26 रजत और 23 कांस्य पदक जीत रचा इतिहास

जिला सीबीएससी कलस्टर सहोदया में डिप्स स्कूलों ने पदकों की झड़ी लगा दी। विभिन्न इंटर स्कूल प्रतियोगिताओं में डिप्स नूरमहल ने 201, डिप्स मेहता चौक ने 108, डिप्स सुरानुस्सी ने 51, डिप्स हरियाणा ने 77, डिप्स टांडा ने 57, डिप्स भोगपुर ने 20, डिप्स अर्बन एस्टेट ने 44, डिप्स गिलजीयां ने 32, डिप्स रईया ने 5, डिप्स बुताला ने 12, डिप्स ढिलवां ने 12, डिप्स उग्गी ने 5. डिप्स कपूरथला ने 8 पदक जीत अपने संस्थान का नाम रोशन किया।

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