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चंडीगढ़। (drugs case report sealed for action cm mann) पंजाब में बड़ा भूचाल आने वाला है। पंजाब के ड्रग माफिया से जुड़ी सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में खुलने के पश्चात पंजाब सरकार को कार्रवाई के आदेश दिए गए थे।

इस बारे में अब जल्द ही बड़ी कार्रवाई होने तथा इस धंधे से जुड़े बड़े पुलिस अधिकारियों और सफेदपोश चेहरे बेनकाब होंगे। सी.एम. भगवंत मान ने ट्वीट भी किया है।

उन्होंने इस ट्वीट में कहा कि, ”पंजाब में ड्रग्स के मामले से संबंधित कई साल से बंद पड़े माननीय हाईकोर्ट द्वारा खोले गए 3 लिफाफे सरकार के पास पहुंच गए हैं… पंजाब की जवानी को नशे से बर्बाद करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सी.एम. मान ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा भेजे लिफाफे पहुंच गए हैं, इसमें जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हाईकोर्ट ने दिये थे सरकार को आदेश

बता दें कि कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने इस मामले से संबंधित आईपीएस सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एसआईटी की तीन सीलबंद रिपोर्ट को खोलकर पंजाब सरकार को कार्रवाई का आदेश दिया।

वहीं, सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कहा कि वह अब इस मामले में आरोपियों पर कार्रवाई करना चाहती है।

कोर्ट ने कहा कि हमने न तो कभी किसी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई थी और न ही कभी लगाएंगे।

पंजाब में हजारों करोड़ के नशे के कारोबार मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सुनवाई आरंभ की थी।

इस मामले में लगातार पंजाब पुलिस के अधिकारियों की संलिप्तता की बात सामने आ रही थी।

सुनवाई के दौरान कहा गया था कि बिना पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता के नशे के इस कारोबार को अंजाम दिया ही नहीं जा सकता है।

कोर्ट ने इसके बाद पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, प्रबोध कुमार व कुंवर विजय प्रताप सिंह की एसआईटी गठित की थी।

सुनवाई के दौरान पूर्व डीजीपी शशिकांत ने कहा कि यह मामला पंजाब में फैले नशे के कारोबार से जुड़ा हुआ है और पुलिस अधिकारियों को लेकर लंबित रिपोर्ट खोलने की मांग कोर्ट को इस दिशा से भटकाने का प्रयास है।

रिपोर्ट खोलने की मांग करने वाले एडवोकेट नवकिरण ने कहा कि नशे के कारोबार में पुलिस अधिकारियों की भूमिका इन रिपोर्ट से सामने आती है। इन रिपोर्ट को इस मामले से अलग नहीं किया जा सकता।

पांच साल पहले सौंपी थी सीलबंद रिपोर्ट 

एसआईटी ने अपनी तीन सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में 2018 में सौंप दी थी। इसके साथ ही एक चौथी रिपोर्ट भी सौंपी गई थी, जिससे बाकी के दो आईपीएस ने खुद को अलग करते हुए हस्ताक्षर से इन्कार कर दिया था।

लंबे समय से इन रिपोर्ट को खोलने की मांग चल रही थी। इसी बीच एडवोकेट नवकिरण सिंह ने इस मामले में अर्जी दाखिल कर इन्हें खोलने की मांग की थी।

हाईकोर्ट में अब इन रिपोर्ट के खुलने के बाद नशा तस्करी से जुड़े लोगों पर कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।

 

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