प्रीत सूजी

जालंधर: राज्य में शराब की अवैध फैक्ट्रीयां चला कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने के मामले में संलिप्त ‘बिग-फिश’ को पंजाब पुलिस ही बचाना चाहती है। ऐसे कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि राज्य के विभिन्न जिलों में पकड़ी गई अवैध शराब की फैक्ट्रीयों संबंधी एनफोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ED) द्वारा मांगी गई डिटेल अब कई महीने बीत जाने के बावजूद भी नहीं दी जा रही है।

पंजाब पुलिस की इस ढिलमुल नीति के कारण एक हज़ार करोड़ के अनुमानित राजस्व घोटाले की जांच निष्पक्ष एजैंस प्रवर्त्तन निदेशालय द्वारा शुरू नहीं हो पा रही है।

बता दें कि पिछले समय में पंजाब पुलिस ने बेहद सख्ती दिखाते हुए पटियाला के राजपुरा, खन्ना, जगराओं, मोहाली में शराब की अवैध फैक्ट्रियों पर शिकंजा कसा। राज्य में बड़े स्तर पर चले आप्रेशन के दौरान अवैध फैक्ट्रीयों पर छापेमारी हुई और भारी मात्रा में अवैध शराब की बरामदगी हुई। साथ ही कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।

इन अवैध फैक्ट्रियों के मामले में इस धंधे को संरक्षण देने वाले कई नेताओं के नाम भी सामने आए। लेकिन जिस तेजी से इस मामले की जांच शुरु हुई थी, अब धीमी पड़ चुकी है। ऐसा क्यों? इसका जवाब तो जांच अधिकारियों के पास ही है।

ई.डी. को नहीं दी जा रही इन डिटेल

शराब की अवैध फैक्ट्रीयों का भंडाफोड़ होने के पश्चात ये तथ्य सामने आए कि लॉकडाउन के दौरान इन फैक्ट्रीयों में अवैध तरीके से चलाई गई और शराब सप्लाई हुई। जिसमें कई बड़े लोगों का वरदहस्त भी प्राप्त रहा। लेकिन इस धंधे के कारण सरकार को करोड़ों का राजस्व का चूना लगाया गया।

सरकार को करोड़ों का रेविन्यू लॉस का पता चलते ही ई.डी. विभाग हरकत में आया। सूत्रों ने बताया कि ई.डी. द्वारा समय समय पर पटियाला, खन्ना, मोहाली और जगराओं पुलिस से अवैध शराब की फैक्ट्रीयों संबंधी पुलिस की डिटेल जांच रिपोर्ट मांगी गई।

ई.डी. द्वारा संबंधित जिलों के पुलिस अधिकारियों से सम्पर्क करके रिपोर्ट मांगी गई। ये भी पता चला कि ई.डी. के डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह खुद पटियाला जिला के एस.एस.पी. मनदीप सिद्धू से मिले और रिपोर्ट मांगी।

पुलिस ने नहीं दी ई.डी. को रिपोर्ट

सूत्रों से पता चला है कि ई.डी. द्वारा लिखित पत्र तथा बाद में रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद किसी भी जिला की पुलिस द्वारा इस मामले संबंधी ई.डी. को कोई जानकारी नहीं दी है।

पंजाब पुलिस के इस रवैये से एक तो इस धंधे की बिग-फिश बचती नज़र आ रही हैं और दूसरा ई.डी. विभाग की जांच शुरू होने में देरी हो रही है।

एक हज़ार करोड़ का है राजस्व घोटाला!

सूत्रों ने बताया कि बेशक पुलिस द्वारा शराब की अवैध फैक्ट्रीयां पकड़ी और वाहवाही लूटी। लेकिन पुलिस जांच इस कारोबार की जड़ें नहीं खोद पाई।

सूत्रों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान इन फैक्ट्रीयों से अवैध तरीके से शराब बनी और राज्य भर में सप्लाई हुई। चर्चा है कि लॉकडाउन के इन दो महीनों के दौरान इस अवैध कारोबार से सरकार को करीब एक हज़ार करोड़ का रैविन्यू लॉस हुआ है।

सूत्रों का यहां तक कहना है कि राज्य की कई डिस्टलरी में भी लॉकडाउन के दौरान शराब की सप्लाई हुई। लेकिन इन सूचनाओं का खुलासा तभी हो सकता है जब पंजाब पुलिस ई.डी. का सहयोग करे।

ई.डी. के निरंजन सिंह की नज़र अब ‘बिग-फिश’ पर

पंजाब से लेकर कनाडा तक फैले ड्रग माफिया की जड़ें खोदने वाले ई.डी. के डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह की नज़र अब शराब माफिया पर पड़ गई है।

पता चला है कि शराब माफिया तथा इन्हे संरक्षण देने वाली बिग-फिश को बेनकाब करने के लिए ई.डी. विभाग पंजाब पुलिस से रिपोर्ट आने का इंतज़ार कर रहा है।

चर्चा तो यहां तक है कि इस धंधे की बिग-फिश द्वारा विभिन्न जिलों के पुलिस अधिकारियों पर रिपोर्ट ई.डी. को न देने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

अधिकारी चुप

फिलहाल इस मामले में संबंधित जिलों के अधिकारी और यहां तक की ई.डी. के अधिकारी भी चुप हैं। पुलिस अधिकारी जांच चल रही है कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं और ई.डी. रिपोर्ट न मिलने का हवाला देते हुए चुप हैं।