भोपाल (ब्यूरो): 43 डिग्री तापमान में 7-8 घंटे लगातार पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (PPE) किट पहनकर काम कर रहे हैं। पूरा शरीर पसीने से तर हो जाता है। मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए कोविड वार्ड की खिड़कियां बंद कर दी गई, सेंट्रल एसी बंद कर दिए। ऐसे में लगातार पीपीई किट पहनने से घुटन होने लगती है, कई बार दिखना तक बंद हो जाता है। प्यास के मारे हलक सूख जाता है लेकिन पानी नहीं पी सकते। लगता है महामारी से नहीं बल्कि डिहाइड्रेशन से मर जाएंगे। ये दर्द है पीपीई किट पहनकर काम करने वाले कोरोना योद्धाओं का।

कर्मचारी बेहोश होकर गिर गए

दरअसल, सोमवार को हमीदिया अस्पताल में पीपीई किट पहन कर ड्यूटी कर रहे वार्ड ब्वाय, स्टाफ नर्स सहित नौ कर्मचारी बेहोश होकर गिर गए। इन्हें तुरंत ग्लूकोज की बोतल चढ़ाई गई। इस बार जो पीपीई किट सप्लाई हुई है, इसमें ऊपर से पोलीथिन चढ़ी हुई है। जीएमसी प्रबंधन का कहना है कि प्रशासन की तरफ से जो पीपीई किट भेजी गई है वही स्टाफ को दी जा रही है। तेज गर्मी के कारण किट में घबराहट हो रही थी, अब सब ठीक हैं।

सांस लेने में होती है दिक्कत

बेहोश होने वाली महिला गार्ड का कहना है कि शुरुआती दिनों में किट पहनकर आराम से काम हो रहा था, क्योंकि उस समय तापमान इतना अधिक नहीं था। लेकिन इस समय पूरा शरीर पसीने से भीग जाता है। फेस मास्क, कैप और फेसशील्ड के कारण सांस लेने में बहुत परेशानी होती है। एक बार किट पहनने के बाद पानी भी नहीं पी सकते।

बेहोश हुए, बोतल चढ़ाई फिर काम में जुट गए

बड़ी बात यह है कि जो कर्मचारी बेहोश हो गए उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया गया। थोड़ी देर आराम के बाद सभी कर्मचारी दूसरी पीपीई किट पहन कर काम पर लग गए।

वार्ड में ए.सी. लगाने से कम होगी दिक्कत

जूनियर डॉक्टर्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सचेत सक्सेना का कहना है कि पालीथिन वाली किट में जल्दी घबराहट होने लगती है कई बार शिकायत के बावजूद किट नहीं बदली जा रही है। कोरोना के कारण कोविड वाड्र में एसी भी नहीं चला सकते ऐसे में काम करना मुश्किल हो रहा है। वार्ड में कूलर भी नहीं सुधावाए जा रहे हैं।

किट में होती हैं कई लेयर

किट में 6-8 अलग-अलग तरह के कवर होते हैं। इसमें चश्मे, फेस शील्ड, मास्क, ग्लव्स, गाउन, हेड कवर और शू कवर भी होते हैं। इस किट को पहनने के लिए निर्धारित स्टेप हैं। अपने कपड़ों के ऊपर सबसे पहले गाउन पहनना होता है। इसके बाद फेस शील्ड, मेडिकल मास्क या प्रोटेक्शन मास्क, ग्लव्स, जूतों के ऊपर शू कवर पहने जाते हैं। मास्क या ग्लव्स एक से ज्यादा पहनते हैं।