Prabhat Times
नई दिल्ली। भाजपा नेतृत्व वाली असम सरकार एक ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत दूल्हा और दुल्हन को शादी से एक महीने पहले आधिकारिक दस्तावेजों में अपने धर्म और आय की घोषणा करनी होगी.
रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा जिन अंतर-धार्मिक विवाहों को ‘लव जिहाद’ की संज्ञा दी जा रही है, उसे रोकने के लिए भाजपा शासित कई राज्यों द्वारा अपनी इच्छा जताने के बाद यह कदम सामने आया है.
हिंदुत्ववादी संगठन इसे हिंदू महिलाओं को मुस्लिम बनाने की बड़ी साजिश का हिस्सा बताते हैं.
हालांकि, असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने दावा किया कि यह कानून ‘लव जिहाद’ के खिलाफ नहीं है, लेकिन मध्य प्रदेश में प्रस्तावित और उत्तर प्रदेश में पास कानून के समान ही होगा.
शर्मा ने कहा, ‘इसमें सभी धर्म शामिल होंगे और यह पारदर्शिता लाकर हमारी बहनों को सशक्त बनाएगा. व्यक्ति को न केवल धर्म, बल्कि कमाई के स्रोत का खुलासा करना होगा.
इसमें परिवार की पूरी जानकारी और शिक्षा आदि शामिल होंगे. कई बार समान धर्म विवाह में भी हमने पाया है कि लड़की को बाद में पता चलता है कि पति एक अवैध व्यवसाय में है.’
मंत्री ने कहा, ‘प्रस्तावित कानून में पुरुष और महिला को शादी से एक महीने पहले सरकार द्वारा निर्धारित रूप में आय, पेशे, स्थायी पते और धर्म के अपने स्रोत का खुलासा करने की आवश्यकता होगी.
ऐसा कर पाने में असफल होने पर दंपति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’
शर्मा ने कहा, ‘पत्नी को घोषणा के लिए एक प्रोफॉर्मा दिया जाएगा, जो इसे अपने पति को दे देगी. यह केवल धर्म के बारे में नहीं होगा, बल्कि वह सब कुछ होगा जो एक पत्नी को जानना चाहिए.
हमारा कानून महिलाओं को सशक्त करेगा. इसमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की कानून के भी कुछ हिस्से शामिल होंगे.’
असम में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे कुछ महीने पहले ही वहां पर सत्ताधारी भाजपा ने यह कदम उठाने का फैसला किया है.

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