Prabhat Times
जालंधर। महानगर में जैन सन्ज़ करियाणा स्टोर के मालिक सचिन जैन (Sachin Jain) के ईलाज में बड़े अस्पतालों (Hospital) द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण जनता में रोष बढ़ता जा रहा है। जैन समाज तथा शहरवासियों में बढ़ते रोष को देखते हुए डी.सी. घनश्याम थौरी ने बड़ा एक्शन लिया है। डी.सी. जालंधर द्वारा अस्पतालों की भूमिका की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। जिसमें असिस्टैंट कमिशनर रणदीप सिंह गिल, डी.एम.सी. जालंधर की डाक्ट ज्योति शर्मा तथा ए.सी.एस. डाक्टर वरिन्द्र थिंद शामिल हैं। डी.सी. ने आदेश दिए है कि में मामले की गहराई से जांच करके तीन वर्किंग डे में अपनी रिपोर्ट फाईल करें। डी.सी. ने कमेटी को स्पष्ट आदेश दिए है कि जांच में सुप्रीम कौर्ट व पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट की गाईडलाईंस को ध्यान में रखा जाए।
बता दें कि दो दिन पहले रात के समय लुटेरों ने जैन करियाणा स्टोर के मालिक सचिन जैन को गोली मार दी। सचिन को अस्पताल ले जाया गया। पहले टैगोर अस्पताल फिर जोशी अस्पताल, सत्यम अस्पताल, अरमान अस्पताल, सिविल अस्पताल और फिर पटेल अस्पताल ले जाया गया। लेकिन सभी अस्पताल ईलाज करने की बजाए रैफर करते रहे। ईलाज में देरी के कारण सचिन के खून ज्यादा बह गया और उसकी मृत्यु हो गई। बीती रात पीड़ित परिवार तथा शहरवासियों द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया और आज जैन समाज द्वारा जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर इन बड़े अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। डी.सी. द्वारा एस.एस. जैन सभा जालंध के प्रधान सतपाल जैन की शिकायत के आधार पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है।

राजीव दुग्गल ने शुरू की थी बड़े अस्पतालों के खिलाफ मुहिम

इस मामले में मोबाईल एसोसिएशन माडल टाऊन के प्रधान राजीव दुग्गल ने भी वॉयस मैसेज वायरल करके जनता को इस घटना के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। राजीव दुग्गल ने बड़े अस्पतालों पर बड़े आरोप लगाए थे। राजीव दुग्गल ने सवाल किया था कि ये अस्पताल सिर्फ लूटने के लिए ही हैं। अगर सचिन जैन को समय सिर ईलाज मिलता तो वे बच जाता। 

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