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करनाल। (Farmer Protest Karnal Tense atmosphere) करनाल में महापंचायत के दौरान किसानों और सरकार में टकराव की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन से हुई बैठक में किसान लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एस.डी.एम. के खिलाफ कार्रवाई की पर अढ़े हैं, लेकिन सरकार ने एस.डी.एम. के खिलाफ कार्रवाई से फिलहाल इंकार किया है। दिन भर चली बैठक में कोई बात न बनने पर अब किसान मिनी सचिवालय की तरफ बढ़ रहे हैं। पहले तो किसान नेताओ को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया। हालात के मुताबिक किसानों और सरकार में टकराव की आशंका बढ़ गई है। हालात बेकाबू होते नज़र आ रहे हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि किसान आपे से बाहर हो गए हैं। खबर ये भी है कि कुछ एरिया में तोड़फोड़ भी हुई है।
प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद किसान नेताओं ने लघु सचिवालय की तरफ कूच कर दिया है। वहीं लघु सचिवालय में भी सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ा दी गई है। डीसी और एसपी भी बाहर आ गए हैं। तनाव पूर्ण स्थिति बनी है।
राकेश टिकैत ने कहा, करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही। या तो खट्टर सरकार मांग माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार हैं। वहीं, किसानों को नमस्‍ते चौक पर रोक लिया गया। मेरठ रोड पर कुछ किसानों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद नमस्‍ते चौक पर गिरफ्तारी हुई। नमस्‍ते चौक से आगे बढ़ गए हैं। सेक्‍टर 14 चौक के पास पहुंच रहे हैं।

इस तरह लघु सचिवालय की किलेबंदी

लघु सचिवालय के दोनों गेटों को बंद कर दिया गया है। गेट के अंदर सीआरपीएफ की बटालियन तैनात है। वहीं बाहर की तरफ आइटीपीबी, सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस की बटालियन तैनात की गई है। वहीं, लघु सचिवालय से आगे मोड़ पर आरपीएफ है। सभी को अलर्ट रहने के आदेश दे दिए गए। इसके अलावा दंगा नियंत्रण वाहन, आंसू गैस, वाटर कैनन वाहन के साथ सुरक्षा बल अलर्ट है।
तीन दौर की वार्ता विफल होने के बाद 4.20 बजे किसानों ने लघु सचिवालय की तरफ कूच किया। दो किलोमीटर तक किसानों की भीड़ नाकों को तोड़ती हुई निकली। अभी तक लाठीचार्ज को लेकर बचाव किया गया है। किसान नेताओं का पुलिस का विरोध न कर गिरफ्तारी देने की अपील है। 11 सदस्‍यीय कमेटी ने महापंंचायत स्‍थल में पहुंचकर बैठक की। इसके बाद घेराव की घोषण की। अब सभी लघु सचिवालय की तरफ जा रहे हैं।

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