Prabhat Times
नई दिल्ली। (farmer protest) नए कृषि कानून को लेकर आंदोलन पर बैठे किसानों के नेता बूटा सिंह ने गुरुवार को कहा कि भाजपा नेताओं और हमारे मंत्रियों को कहना चाहूंगा कि एकजुट हो जाइए।
प्रधानमंत्री कुछ और, गृहमंत्री कुछ और व कृषि मंत्री कुछ और बोल रहे हैं। विनती है कि हम एकजुट हैं और हमारी चुनी हुई सरकार को भी एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लेना चाहिए।
सिंघु बॉर्डर से किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते है कि बातचीत जारी रहनी चाहिए और हमारा भी यही मानना है।
वहीं दूसरी ओर कृषि मंत्री कहते हैं कि अगर किसान उनके संशोधनों को मानेंगे तो ही बातचीत जारी रहेगी, नहीं तो नहीं होगी। फिर से हमारे ऊपर शर्त लगा दी जाती है जिसकी हम निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने 10 तारीख का अल्टीमेटम दिया हुआ था कि अगर PM ने हमारी बातों को नहीं सुना और कानूनों को रद्द नहीं किया तो सारे धरने रेलवे ट्रैक पर आ जाएंगे।
आज की बैठक में ये फैसला हुआ कि अब रेलवे ट्रैक पर पूरे भारत के लोग जाएंगे। संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख की जल्द घोषणा करेगा।
बूटा सिंह ने कहा कि पंजाब में टोल प्लाजा, मॉल, रिलायंस के पंप, भाजपा नेताओं के दफ्तर और घरों के आगे धरना अभी भी जारी है।
इसके अलावा 14 तारीख को पंजाब के सभी DC ऑफिसों के बाहर धरने दिए जाएंगे।
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 12 दिसंबर को टोल फ्री दिवस होगा। इसके बाद 14 दिसंबर को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।
सरकार को किसानों के साथ मिलकर एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए था। आज सिंधु बार्डर पर किसानों की बैठक हुई है।
उसमें तय हुआ है कि किसान तीनों बिलों की वापसी के बिना मानने वाले नहीं हैं।
भाकियू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान ने आज सिंधु बार्डर की बैठक में भाग लिया।
उन्होंने कहा कि सरकार शब्दों में हेरफेर कर रही है। किसान बहकावे में नहीं आएंगे।
यह किसान के सम्मान, रोटी और रोजी के साथ ही उसके बच्चों के भविष्य की लड़ाई है। धान का एमएसपी यूपी में 1768 रुपये है लेकिन किसान 900 रुपये में बेचने के लिए मजबूर है।

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