Prabhat Times
जालंधर। घोटालों और भ्रष्टाचार की यूनिवर्सिटी माने जाते जिला परिवहन कार्यालय में ड्राईविंग लाईसैंस को लेकर हुए फर्जीवाड़े का बड़ा स्कैम सामने आया है।
जाली लाईसैंस के मामले में कमिश्नरेट पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आज दिन भर की इनवेस्टीगेशन के बाद जिला परिवहन कार्यालय में स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी समेत करीब आधा दर्जन एजैंटो को हिरासत में ले लिया है। कई एजैंटो की तलाश की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक कुछ साल पहले एक युवक ने विदेश जाने से पहले जालंधर के जिला परिवहन कार्यालय में सक्रिय एजैंटो के ज़रिए ड्राईविंग लाईसैंस बनवाया था।
बताया जा रहा है कि युवक जब वापस लौटा तो उसने लाईसैंस रिन्यू करवाने के लिए दोबारा दफ्तर गया। लेकिन जब ऑनलाईन चैकिंग हुई तो खुलासा हुआ कि उसके लाईसैंस की ऐंट्री रिकार्ड में नहीं हैं।
युवक ने तुरंत उक्त एजैंट से संपर्क किया जिससे उसने कुछ अर्सा पहले लाईसैंस बनवाया था।
बताया जा रहा है कि उक्त युवक और एजैंटो के बीच बातचीत भी हुई। पहले मामला रफा दफा करने की कोशिश की गई। लेकिन जब बात नहीं बनी तो युवक ने पुलिस को सूचित कर दिया।
इस संबंध में थाना नंबर 5 की पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू की गई तो एक ही रात में एक के बाद एक बड़े खुलासे हुए।
पता चला है कि पुलिस ने बीती रात ही जिला परिवहन कार्यालय में सक्रिय एजैंट विशाल, काका, टोनी, शिवी समेत कईयों को हिरासत में लिया। सभी से पूछताछ की गई।
इसके पश्चात पुलिस टीम ने सुबह दिन निकलते ही ड्राईविंग ट्रैक के निकट स्थित एजैंट विशाल के दफ्तर में सर्च की और काफी कम्प्यूटर इत्यादि ज़ब्त किए।
इसी बीच लंबी जांच और पूछताछ के पश्चात पुलिस ने दफ्तर में ही कार्यरत स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी शिवी को गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि एजैंटो की उक्त टोली ने युवक से 25 हज़ार रूपए लेकर जाली ड्राईविंग लाईसैंस बनाया था। पुलिस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।
बताया जा रहा है कि इस बड़े स्कैम का पर्दाफाश करने संबंध बुधवार को पुलिस कमिश्नर खुद प्रैस कान्फ्रैंस कर इस फर्जीवाड़े की परतें खोलेंगे।
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