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कपूरथला: सनातन धर्म की रक्षा एवं गौसेवा के लिए जो भी संस्थाएं एवं व्यक्ति काम करेंगे हम न सिर्फ उन्हें सम्मानित करेंगे बल्कि किसी भी विपत्ति एवं सुख-दुख के समय उनके साथ खड़े होंगे। भले ही इसके लिए हमें किसी भी तरह की कुर्बानी ही क्यों न देनी पड़े।

उक्त बात बजरंग दल नेता एवं समाज सेवक तरुण कटारिया ने कपूरथला में गौसेवा के पथ पर सारहनीय योगदान डाल रहे गौशाला कमेटी के अध्यक्ष नरेश पंडित को सम्मानित करने के दौरान कही।

तरुण कटारिया ने कहा कि नरेश पंडित एवं इनकी पूरी टीम इस नेक व धर्मार्थ शुरु किए गए कार्य को पूरा करे ऐसी उनकी कामना है तथा जो कदम इन्होंने उठाए हैं उनकी वर्तमान समय में बहुत मांग है।

तरुण कटारिया ने नरेश पंडित को गौसेवा के लिए सिरोपा भेंट किया और धर्म की रक्षा हेतु तलवार भेंट की गई है ताकि सेवा के काम के साथ-साथ जरुरत पडऩे पर अगर तलवार भी उठानी पड़े तो नरेश पंडित व इनकी टीम पीछे न हटे। उन्होंने कहा कि जो कार्य सरकार को करने चाहिए वे सामाजिक संस्थाएं कर रही हैं, जिसके लिए हम सभी को एक दूसरे के सहयोग हेतु आगे आना चाहिए।

इस अवसर पर गौशाला कमेटी के अधक्ष्य नरेश पंडित ने बताया की प्रदेश सरकार ने प्रदेश में गौसेवा आयोग का गठन तो किया है। मगर आयोग के गठन के बावजूद आज गौशालाओं के संचालन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बजट में गोसेवा के लिए विशेष ग्रांट का प्रावधान करना चाहिए ताकि इस बजट से गौशालाओं के प्रबंधन तथा गौ सेवा को बल मिल सके।

नरेश पंडित ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा गोसेवा को मुख्य रखते हुए जो कदम उठाए हैं वह सराहनीय हैं। सरकार को चाहिए कि अगर वे इस कदम की सफलता चाहती है तो उसके लिए उसे गोशालाओं को विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि जिला स्तर पर जिलाधीशों को कोई फंड जारी किया जाए, जो वे अपनी मर्जी से गौशालाओं की भलाई के लिए खर्च कर सकें।

नरेश पंडित ने कहा की हमे सरकार पर दबाव बनना होगा कि रसायनिक खाद द्वरा समाज को अन्न के मध्यम से बिष परोस कर मानसिक एवम शारीरिक रुप से बीमार न बनाये यह एक सरकारी तंत्र का अपराध माना जाए। अपराध का रोकना भी सरकार का मौलिक कर्तव्य है। इसके लिये सरकार गौ आधारित कृषि की व्यवस्था की जाए।

जब तक गौ आधारित खेती में सुधार नहीं होगा तब तक आहार में सुधार नहीं हो सकता और जब आहार में विष समाप्त नहीं होगा तब तक व्यक्ति में सुधार नहीं होगा, व्यक्ति में सुधार नहीं होगा तो समाज और राष्ट्र परम्वैभव तक जाना सम्भव कैसे होगा। इस अवसर पर बाबा बिट्टा भगत, राजिंदर कुमार राजू, हिरा सहोता आदि उपस्थित थे।