Prabhat Times
चंडीगढ़। (Gifts to Govt Employees Punjab) पंजाबवासियों और सरकारी कर्मचारियों की हितेषी पंजाब सरकार द्वारा अब सरकारी कर्मचारियों के हक में बड़ा फैसला लिया गया है। अमरिंदर सरकार ने प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के वेतन में 15 फीसदी बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है. सरकार ने भत्तों की संशोधित दरों को बहाल करने को भी मंजूरी दे दी है, जिससे कर्मचारियों के वर्तमान भत्ते लगभग दोगुने हो जाएंगे. इस कदम से राज्य के खजाने पर प्रति वर्ष 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ेगा.
राज्य सरकार के कर्मचारियों की शिकायतों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा गठित मंत्रियों की निगरानी समिति ने यह निर्णय लिया. राज्य सरकार कर्मचारियों, पेंशनभोगियों को प्रति वर्ष 4,692 करोड़ का अधिक भुगतान करेगी.
सरकार ने डॉक्टरों की गैर-व्यवसाय भत्ते (एनपीए) को उनके मूल वेतन के साथ 20% की दर से बहाल करने की मांग पर भी विचार किया है. भत्तों को लेकर पंजाब के डॉक्टरों और सरकार में टकराव की स्थिति बनी हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि छठे वेतन आयोग में उनके भत्तों में कटौती की गई है. इस कारण वे हड़ताल कर रहे हैं. पंजाब सरकार ने सरकारी सेवा में डॉक्टरों को बनाए रखने और देश से चिकित्सा पेशेवरों के पलायन को रोकने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की तर्ज पर मूल वेतन के 25% की दर से 2011 से एनपीए का भुगतान करना शुरू कर दिया था, लेकिन यह मामला अब फिर से तूल पकड़ने लगा है.
राज्य सरकार लगभग 2.85 लाख कर्मचारियों के साथ-साथ 3.7 लाख पेंशनभोगियों को प्रति वर्ष अतिरिक्त 4,692 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी. इसके साथ, प्रत्येक कर्मचारी और पेंशनभोगियों को औसतन 79,250 रुपये प्रति वर्ष मिलता रहेगा, जो उन्हें मिल रहा है. साथ ही इन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 13,759 करोड़ रुपये का बकाया भी मिलेगा. गौरतलब है कि पंजाब में चुनावी वर्ष के चलते अपनी मांगों को लेकर कई कर्मचारी संगठन आए दिन हड़ताल कर रहे हैं. ऐसे में किसी को नाराज करना सरकार को चुनाव में मंहगा पड़ सकता है.

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