जालंधर (ब्यूरो): आखिर कोरोना संक्रमण भारत नहीं रूक पाया। लॉकडाउन, कर्फ्यु का ये फायदा जरूर मिला कि अगर मोदी सरकार समय रहते ये फैसला तुरंत न लेती तो आज कोरोना पोज़िटिव के आंकड़े इससे कहीं ज्यादा भयावह हो सकते थे। भारत ने काफी हद तक कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण किया।

लेकिन अब जैसे जैसे लॉकडाउन या कर्फ्यु से कुछ रिलेक्सेशन दी जा रही है वैसे ही अचानक कोरोना पोज़िटिव मरीज़ों की गिनती बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। जो कि सरकार और नागरिको के लिए चिंता का विषय है। 17 मई को खत्म होने जा रही लॉकडाउन-3 के आगे क्या करना है इसके लिए भारत सरकार लगातार मंथन कर रही है।इस समय सरकार के पास लॉकडाउन के दौरान और कर्फ्यु में रिलेक्सेशन के दौरान कोरोना संक्रमण के दोनो आंकड़े मौजूद है। स्पष्ट है कि रिलेक्सेशन देते ही आंकड़े भयावह हुए हैं। हालात इस और ईशारा कर रहे हैं कि लॉकडाउन एक बार फिर बढ़ाया जा सकता है। किसी नतीजे तक पहुंचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को एक बार विभिन्न राज्यो के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रैंस कर स्थिति का जायजा लेंगे।

सख्ती के साथ रियायतें भी!

मोदी सरकार लॉकडाउन बढ़ाने पर मंथन के साथ इस बार संभावित ‘लॉकडाउन-4’ में जनता को भी रियायतें देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। रियायतें देने के पीछे एक कारण ये है कि ‘लॉकडाउन-4’ पहले की तरह नहीं होगा। अगर लॉकडाउन-4 होता है तो इस बार ये बेहद सख्ती से लागू किया जाएगा और इसके लिए चाहे सरकार को हर राज्य में आर्मी तैनात करने के बड़े फैसले ही क्यों न लेने पड़ें।लेकिन सरकार इस सख्ती के साइ़ड इफेक्टस से बचने के लिए लोगो को रियायतें देने पर विचार कर रही है। ताकि लोग इस भयावह स्थिति में उल्ट होने की बजाए सरकार का साथ दें। जानकार मानते हैं कि ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि कारोबार बंद होने के कारण देश के नागरिक खासकर मध्यम वर्ग या गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग किस समस्या से गुजर रहे हैं।

इसलिए मोदी सरकार कुछ ऐसा प्लान कर रही है कि लॉकडाउन-4 के दौरान लोगों को सरकार की तरफ से कुछ रियायतें जरूर दी जाएं। जिससे लोगों की जेबों पर आर्थिक बोझ घटाया जा सके। जानकार मानते हैं कि सरकार लॉकडाउन-4 के दौरान के बिजली बिलों में कुछ प्रतिशत माफी, टैक्सों में छूट, पैरोल पर आए कैदियों या विचाराधीन कैदियों की पैरोल अवधि भी बढ़ाने के साथ साथ और भी रियायतें दी जा सकती हैं।

इसलिए दी गई थी लॉकडाउन, कर्फ्यु में छूट

सभी विशेषज्ञ बार बार कह रहे हैं कि कोरोना वायरस का कहर सितंबर महीने का बाद ही थमेगा। और शायद ये गल्त भी नहीं है। सूत्र बताते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले करीब डेढ महीने के दौरान दिए भाषण में भी संकेत और संदेश दे चुके हैं। कि कोरोना का कहर अभी लंबा चल सकता है।

तो फिर आखिर क्या कारण है कि भारत सरकार ने कर्फ्यु, लॉकडाउन में छूट दी। सूत्र इस मामले के पीछे भी भारत सरकार का एक बड़ा प्लान बता रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि भारत सरकार द्वारा हर राज्य या विदेश में फंसे लोगो को उनके घरों तक पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती थी। विभिन्न राज्यों में प्रवासी मज़दूर घर जाने के लिए सड़कों पर आ गए थे। जब लोग सड़कों पर आए तो स्थिति नियंत्रण से बाहर होती नज़र आई।सूत्र बताते हैं कि मोदी सरकार ने योजना के अधीन लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ‘वंदे भारत’ मिशन लांच किया, जिसके तहत सभी लोगो को उनके अपने घरों तक पहुंचने का अवसर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि ये मिशन तेजी से चल रहा है। क्योकि सरकार कि कोशिश है कि हर व्यक्ति चाहे वे किसी दूसरे राज्य में है या दूसरे देश में। वे अपने घर पहुंच जाए। सूत्र बताते हैं कि सरकार चाहती है कि अब एक बार फिर किसी बड़े फैसले से पहले लोगों को अपने घरों तक पहुंचा दिया जाए। जब लोग अपने घर पहुंच जाए तो फिर सरकार बेझिझक बड़ा फैसला ले सके।