Prabhat Times
नई दिल्ली। कृषि कानूनो (Farm Laws) को लेकर खड़ा हुआ विवाद सुलझाने के लिए आज एक बार फिर किसान (farmer) और केंद्र सरकार के बीच 9वीं बैठक हुई। करीब 5 घण्टे तक चली बैठक एक बार किसी नतीज़े तक नहीं पहुंचे हैं। किसानों व केंद्र के बीच अगली बैठक 19 जनवरी की दोपहर 12 बजे होगी।
बताया जा रहा है कि बैठक खत्म होते होते सरकार द्वारा कहा गया है कि अगर एम.एस.पी. पर बात करते हैं तो आंदोलन खत्म किया जाए। अगली बातचीत के लिए छोटी कमेटी बनाई जाए। फिलहाल किसी भी बात पर कोई सहमती नहीं हुई है।
बैठक में किसानों के खिलाफ हरियाणा में दर्ज किए गए केस और पंजाब में की जा रही छापेमारी का मुद्दा भी उठाया गया। किसानों ने कहा कि किसानों के खिलाफ केस रद्द किए जाएं।

IMF ने नए कृषि कानूनों को बताया महत्वपूर्ण कदम

कृषि कानूनों पर आलोचनाओं का सामना कर रही मोदी सरकार के लिए राहत की खबर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मोदी सरकार के कृषि कानूनों को अहम कदम माना है और कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार होगा। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने सरकार को प्रभावित होने वाले किसानों को अधिक सामाजिक सुरक्षा देने की सलाह भी दी है।
अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष का मानना है कि इन तीनों कृषि कानूनों में कृषि क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण सुधार लाने की क्षमता है। साथ ही यह भी कहा है कि कृषि कानून के लागू होने और नए सिस्‍टम में जाने के दौरान जिन लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, उनके लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना भी बहुत जरूरी है।
अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष के डायरेक्‍टर ऑफ कम्‍युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कृषि कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे।
हमारा मानना है कि कृषि कानूनों से भारत के कृषि सुधार की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने इन कानूनों से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए सुरक्षा मुहैया कराए जाने की भी वकालत की।

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