Prabhat Times
नई दिल्ली। (Govt is Working on New Rules Horns Sound) सुबह जब आप घर से दफ्तर के लिए निकलते हैं तो सड़क पर वाहनों के हॉर्न से परेशान हो जाते होंगे. सड़क पर आगे गाड़ियों की कतार और पीछे से आते वाहनों की पी-पी, पों-पों, चीं-चीं… सुनकर दिमाग खराब हो जाता है. वाहनों के हॉर्न की आवाजें (Sound) इतना इरिटेट करती हैं कि कई बार तो ट्रैफिक सिग्नल पर इसी वजह से लड़ाइयां भी हो जाती है.
ज्यादातर वाहन चालक मानकों का ख्याल नहीं रखते और प्रतिबंधित क्षेत्र में भी हॉर्न मारते रहते हैं. ऐसा कर के वे ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं. कानों में चुभने वाली हॉर्न की आवाजें हमें बहुत चुभती हैं. हम सोचते हैं आखिर इनका इलाज क्या है? सरकारें कुछ करती क्यों नहीं?
अगर आप भी सड़कों पर वाहनों के हॉर्न से परेशान होते हैं तो आपके लिए एक उम्मीद भरी खबर है. खबर ये है कि केंद्र सरकार गाड़ियों के हॉर्न की आवाज (Horn Sound) को लेकर नए नियम लागू करने की तैयारी में है. अपने काम को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) हॉर्न की आवाज (Horn Sound) को इरिटेटिंग से सुखद बनाने के लिए नए नियमों पर काम कर रहे हैं.

क्या है मंत्रालय की तैयारी?

खुद नितिन गडकरी ने नए नियमों को लेकर मंत्रालय की तैयारी के बारे में जानकारी शेयर की है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, जल्द ही आपको गाड़ियों के हॉर्न की कर्कश आवाज से मुक्ति मिल जाएगी. वाहनों के हॉर्न की कष्टदाई आवाज (Sound) को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि उनके मंत्रालय के अधिकारी कारों के हॉर्न की आवाज (Horn Sound) बदलने पर काम कर रहे हैं.

बदल दी जाएगी Horn की आवाज!

कोई आपके पीछे से हॉर्न बजाए और आपको बांसुरी या वायलिन की धुन सुनाई दे तो कितना सुखद होगा न? कुछ ऐसी ही तैयारी है सरकार की. केंद्रीय मंत्री गडकरी के मुताबिक, आने वाले समय मे वाहनों के हॉर्न की कर्कश आवाज (Horn Sound) से मुक्ति मिलेगी. हॉर्न की इरि​टेटिंग साउंड की जगह भारतीय संगीत वाद्य यंत्रों (Indian musical instruments) की मधुर ध्वनि सुनाई देगी.

केंद्रीय मंत्री ने सुनाया अपना अनुभव

नितिन गडकरी ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि वह नागपुर में 11वीं मंजिल पर रहते हैं. रोज सुबह 1 घंटा प्राणायाम करते हैं और इस दौरान सड़क पर बजाए जा रहे वाहनों के हॉर्न सुबह के सन्नाटे में खलल डालते हैं. इस परेशानी को झेलते हुए उनके दिमाग में यह ख्याल आया कि वाहनों के हॉर्न सही तरीके से होने चाहिए. उन्होंने कहा, “हमने सोचना शुरू कर दिया है कि कार के हॉर्न की आवाज भारतीय वाद्य यंत्र होनी चाहिए और हम इस पर काम कर रहे हैं.”

हॉर्न की बजाय सुनाई देंगे बांसुरी, वायलिन के धुन

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार यह आदेश दे सकती है कि गाड़ियों के हॉर्न भारतीय वाद्य यंत्रों की तरह बजने चाहिए. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हॉर्न तबला, ताल, वायलिन, बिगुल, बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों की आवाज हॉर्न से सुनाई देनी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हॉर्न को लेकर नए नियमों में से कुछ नियम वाहन निर्माताओं पर ही लागू होंगे. ऐसा इसलिए ताकि जब वाहन का निर्माण किया जा रहा है, तो उनके पास सही प्रकार का हॉर्न होगा. नए नियमों के लागू होने के बाद वाहनों के हॉर्न की जगह तबला, ताल, वायलिन, बिगुल, बांसुरी आदि की धुन सुनी जा सकेंगी.

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