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जालंधर। (Grant released to DAV University to set up Science, Technology and Innovation Cluster) DAV University को पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा साइंस, टेक्नोलॉजी एन्ड इनोवेशन (एस.टी.आई) कलस्टर स्थापित करने के लिए ग्रांट जारी कर दी गई है। यह एस.टी.आई क्लस्टर डीएवी विश्वविद्यालय और एनआईटी, जालंधर द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के तहत DAV University ने अनुसूचित जाति की आबादी वाले दस गांव-सरमस्तपुर, बल्ला, किशनगढ़, दौलतपुर, अलावलपुर, मन्नन, काला बकरा, रायपुर रसूलपुर, नौगज्जा और करारी को चुना है।
विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ इन गांवों के निवासियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देंगे। साथ ही लघु उद्योग शुरू करने के लिए ग्रामीणों को कौशल आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा स्माल स्केल इंडस्ट्रीज ट्रेनिंग के तहत छोटे पैमाने के किसानों को कई तकनीकें सिखाई जाएंगी जिनमें संरक्षित खेती, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती, फल, फूल और सब्जियां जैसी उच्च मूल्य वाली फसलें उगाना आदि शामिल हैं। महिला सशकितकरण के लिए वीमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप्स बनाये जाएंगे जहां ग्रामीण महिलाओं को मूल्य वर्धित उत्पाद (हल्दी पाउडर, अदरक पेस्ट, लहसुन पेस्ट, अचार और चटनी, जैम आदि) बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाले संकर बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। निवासियों को आई.ओ.टी आधारित अनुप्रयोगों जैसे स्वचालित कृषि निगरानी प्रणाली, बिजली प्रबंधन प्रणाली, प्रदूषण प्रबंधन आदि के बारे में जागरूक किया जाएगा। निवासियों को ऑनलाइन बिजली बिलों का भुगतान, बैंकिंग, अपने उत्पादों की डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेना, ऑनलाइन चिकित्सा सहायता प्राप्त करना आदि जैसी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मार्ट फोन का उपयोग करने का तकनीकी ज्ञान दिया जाएगा।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाएंगे। कुल मिलाकर यह परियोजना इन गांवों के निवासियों की आजीविका के ढांचे को बेहतर बनाने में मदद करेगी। वाईस चांसलर डॉ. जसबीर ऋषि ने इस उपलब्धि पर सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय क्षेत्र में एस.सी समुदाय को सशक्त बनाने और सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने डीएवी विश्वविद्यालय में विश्वास दिखाने के लिए पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी और भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

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