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नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (GST) के तहत रजिस्ट्रेशन कराने वाले बिजनेस अब आधार ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुन सकते हैं। ऐसा नहीं होने पर रजिस्ट्रेशन सिर्फ तभी हो सकेगा, जब व्यवसाय के स्थान का फिजिकल वेरिफिकेशन कर लिया जायेगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इससे जुुड़ा एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अब जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदक शुक्रवार से आधार संख्या के ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुन सकते हैं।

CBIC की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि अगर कोई व्यक्ति आधार संख्या का ऑथेंटिकेशन नहीं कराता है या इसका विकल्प नहीं चुनता है, तो ऐसी स्थिति में जीएसटी पंजीकरण के लिए संबंधित व्यक्ति की उपस्थिति में व्यवसाय के स्थान का फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी होगा।

जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करने वाला एक करदाता आधार प्रमाणीकरण का ऑप्शन चुन सकता है, जिसमें परिसर के फिजिकल वेरिफिकेशन के बिना तीन दिनों के भीतर पंजीकरण की अनुमति दी जाती है।
दूसरे मामलों में, समयावधि 21 दिन तक हो सकती है और अधिकारी व्यवसाय के स्थान का फिजिकल वेरिफिकेशन या जरूरी दस्तावेजों का विस्तृत रिव्यू कर सकते हैं।

टैक्स की चोरी रोकना मकसद

जानकारों के मुताबिक आधार को जीएसटी और पैन (स्थायी खाता संख्या) के साथ जोड़ने से सरकार के पास एक केंद्रीकृत डेटा उपलब्ध होगा जो डेटा एनालिटिक्स की सुविधा देगा और कर चोरी रोकने में मदद करेगा।
AMRG एंड एसोसिएट्स में सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि आधार संख्या का प्रमाणीकरण जीएसटी पंजीकरण के लिये एक स्टैंडर्ड होगा, जिसके बिना रजिस्ट्रेशन बिजनसे के स्थान के फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही किया जायेगा।