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नई दिल्ली। (GST) छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार सेल्स रिटर्न (Sales returns) मामले में कुछ और कदम उठाने की तैयारी में है. जिसके तहत माल एवं सेवाकर (GST) प्रक्रिया को और सरल किया जाएगा.
इस नई प्रकिया में सालाना पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों को अगले साल जनवरी से वर्ष के दौरान मात्र 4 सेल्स रिटर्न फाइल करने होंगे. राजस्‍व विभाग के सूत्रों ने यह जानकारी दी.
इस समय कारोबारियों को मासिक आधार पर 12 रिटर्न (GSTR 3B) दाखिल करने होते हैं. इसके अलावा 4 जीएसटीआर 1 (4 GSTR 1) भरना होता है.
नया नियम लागू होने के बाद टैक्सपेयर्स को केवल 8 रिटर्न भरने होंगे. इनमें 4 जीएसटीआर 3बी और 4 जीएसटीआर 1 (GSTR 1) रिटर्न भरना होगा.

94 लाख टैक्सपेयर्स पर होगा असर

सूत्रों ने बताया कि टैक्स की मासिक भुगतान योजना के साथ तिमाही रिटर्न दाखिल (QRMP) करने की योजना का असर करीब 94 लाख टैक्सपेयर्स पर पड़ेगा.
यह जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स का लगभग 92% है. यानी इस योजना जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों की बड़ी संख्या को फायदा होगा.
इस प्रकार अगले साल जनवरी से छोटे कारोबारियों को साल में चार जीएसटीआर-3बी और चार जीएसटीआर-1 रिटर्न दाखिल करने होंगे.

छोटे कारोबारियों को मिलेगी राहत

सूत्रों ने बताया कि इस योजना को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) उपलब्ध कराने में भी लागू किया जाएगा. यह केवल रिपोर्ट किए जाने वाले बिलों को लेकर होगी.
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इनवॉयस दाखिल करने की सुविधा (आईआईएफ) का विकल्प भी दिया जाएगा.
आईआईएफ सुविधा के तहत इस योजना का लाभ उठाने वाले छोटे कारोबारी तिमाही के पहले और दूसरे महीने में अपने बिल अपलोड कर पाएंगे.

1 जनवरी 2021 से लागू होगी नई व्यवस्था

जीएसटी परिषद (GST Council) ने 5 अक्ट्रबर को हुई अपनी बैठक में इस बारे में फैसला किया था.
उसने कहा था कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को कर का मासिक भुगतान करने के साथ तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी जा सकती है. यह व्यवस्था एक जनवरी 2021 से लागू होगी.

नवंबर में 1.05 लाख करोड़ रुपये का GST कलेक्शन

नवंबर में वस्तु एवं सेवा कर (GST Collection) संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर में वस्तु एवं सेवा कर के रूप में सरकार को 1,04,963 करोड़ रुपये की आमदनी हुई.
इस कलेक्शन में CGST के रूप में सरकार को 19,189 करोड़ रुपये हासिल हुए. SGST के रूप में सरकार ने 25,540 करोड़ रुपये जुटाए.
IGST के रूप में सरकार को 51,992 करोड़ रुपये की आमदनी हुई. वहीं, सेस के जरिए सरकार को 8,242 करोड़ रुपये की आय हुई है.

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