चंडीगढ़ (ब्यूरो): डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें कम होती नज़र नहीं आ रही है। पंजाब में हुए बरगाड़ी कांड की जांच कर रही एस.आई.टी. को साक्ष्य मिले हैं कि इस कांड की साजिश के तार डेरा सच्चा सौदा से जुड़े हुए हैं।

बरगाड़ी बेअदबी मामले में एसआइटी ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। मामले में डेरा पहले से ही साध्वी यौनशोषण मामले में जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम भी घिर गया है।

बताया जा रहा है कि श्री गुरूग्रंथ साहिब की चोरी की गाइडलाइन डेरे से जारी की गई थी। एसआइटी अब हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम व डेरे के तीन अन्य नेशनल कमेटी सदस्यों से पूछताछ के लिए अपनी कस्टडी में लेगी। मामले में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।

वहीं, मामले में गिरफ्तार पांच डेरा प्रेमियों को लेकर एसआइटी की टीम गत दिवस कोटकपूरा स्थित डेरे पहुंची।

इससे पहले इन सभी को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला भी ले जाया गया, जहां के गुरुद्वारा साहिब से पावन स्वरूप चोरी किया गया था।

उसके बाद गांव सिखांवाला में एक आरोपित के घर की भी निशानदेही की गई, जहां पर चोरी करने के बाद पावन स्वरूप को छिपा कर रखा गया था।

डेरा प्रेमियों नीला, रणजीत भोला, निशान, बलजीत और नरेंद्र शर्मा को डीआइजी रणबीर सिंह खटड़ा की अगुआई वाली एसआइटी ने एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया था।

कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन दो लोगों के पास अग्रिम जमानत होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया था। पकड़े गए पांच आरोपित दो दिन के पुलिस रिमांड पर हैं।

एसआइटी की पड़ताल में सामने आया है कि डेरा सिरसा के जुड़े इन अनुयायियों ने 1 जून 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से पावन स्वरूप चोरी किया था।

पावन स्वरूप को सबसे पहले कोटकपूरा के नामचर्चा घर लाया गया और वहां से गांव सिखांवाला में एक अनुयायी के घर छिपा कर रखा गया था।

इसके बाद 12 अक्टूबर 2015 को गांव बरगाड़ी में पावन स्वरूप की बेअदबी की गई थी। हालांकि इस घटनाक्रम का एसआइटी ने साल 2018 के दौरान पर्दाफाश कर दिया था। हालांकि पहले इन डेरा प्रेमियों को क्लीन चिट दी गई थी।

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